Book Title: Vaiayakaran Bhushansara
Author(s): Harivallabh
Publisher: Chaukhambha Sanskrit Pustakalay
View full book text
________________
शुद्धिपत्रम् ।
पृष्ठम् पाक
अशुद्धम् त्ययुप कझान .
शुद्धम् त्यभ्युप
त्यर्थ
कहान त्यर्थः . दानी
AM
दार्नी विशेष्य वैशिष्ट्य रूपिज रताताया र्थदिति निर्थ करिप्यन् 'हृतथमा
कमणि .
पचत मप्यदार्थ सेमस्य क्यमेद कारण पूर्वपपक्ष वैश्यदेव्या घटकत्वेमे अन्यय . विाच्छन्न मान्यघ शासना कोरकबा..
विशेष्यं वैशिष्ट्य रूपितज रताया र्थमिति तिङर्थ करिष्यन् हृतप्रथमा कर्मणि पचति मप्यपदार्थ सोमस्य क्यभेद कारण पूर्वपक्षे वैश्वदेव्या घटकत्वमे अन्वय . . विच्छिन्न मान्यध ज्ञासाझा कारकबो .
28

Page Navigation
1 ... 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498