Book Title: Uttaradhyayana Sutra
Author(s): Sudharmaswami, Jaysundar
Publisher: Sanchor

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Page 11
________________ माधमनिनारण १२॥२५ सामधादिकारण कायनकरशमनमदिाधना। सासुक्षमाष्टजाणीमनमादिधर्मनीवाशचितवई २E वाटा हानतामणसीकाराश्यानमालतिरक्रामणविनयसनिमिरकंयरमनचातिरक्षमाविधित काएकसाईसंयमवंततिप्रियमझाई।तिदोमाधुश्मवीनवजीवनमाश्यनधी प्रमाणीकोपनकर २३ २४ साधुनश्खलुनिश्चिरंगजकार Day समझायेदनाहाणिमाकाकछर्शनश्चिमीवस्मनामुनिगवाएदिसंझणायकवलुनिछ नरंतरमेव शालीमात्र सर्वमगिहिवाई यामागीवमुकिमान २६ वलडिसा गोधरीइगयाऊतां दायलाईकरापसार गारस्मतिरकुणासघामजादाशनजिकिछि अहास्य गायरायविहस्सापासणसार निदानादिस्वावासमानुयमसाधुनीबई.२साधुगृहमनघरिलोकमानापनई आहारवांख पणिछादारलाई नगारवामुतिगालिरक्रमणिश्वारे सुधासामसिकालाशोपरिनिहियानाविरमा अगस्लाई पश्चातायनकर ३७ साधुमधातवास याचना करबहकाईनलॐ कालियाचनालहीसि महात्माश्मविचार, शनी लायानाjaणिकडिणणाचावल मिशविलासासासिया। झापासिंशिरकाशा महात्माननिलव ५३२ साधुरागमयनपुरकाजा) स्वदमाईरहिनन् दीनयागारहित एकर्मनणूकारणमा रोगयरीसहियासई ॥१२ माछा लालमMAINTAIयंवरको वयानुदहिया श्रदीपणाधावण्याबाहाबहियामा रोगऊपनर चिकाझातकराव। जीवकर्मसोगव्याधिनामधूट। मचीनचीमाधुरोगमएमधिकिमाकर्मकरूनही २६ जिनकल्यानवसहित गिछनातिनंदिसंधिशरकतगावसाययंखतरनमामन्त्री जनकजानकारीचरिंशाधनामालूद करावश्नही ६|| ।

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