Book Title: Uttaradhyayan Sutram Part 05
Author(s): Sudharmaswami, Lakshmivallabh Gani
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

View full book text
Previous | Next

Page 252
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra उपराज्यनत्रय ॥१३५४॥ www.kobatirth.org थाजो. 'सत्पुरुषो पर' एनो अध्याहार करबो, ए हुं कहुं हुं, एम श्रीसुधर्मास्वामी श्रीजंबूस्वामीने कछु ॥ ८९ ॥ इति केशिगौतमाध्ध्ययनं संपूर्ण. इति श्रीमदुत्तराध्ययन सूत्रार्थदीपिकायामुपाध्यायश्रीलक्ष्मीकीर्तिगणिशिष्यलक्ष्मीवल्लभमणिविरचितायां केशीगौतमीयमध्ध्ययनं त्रयोविंशतितमं संपूर्ण ॥ २३ ॥ 30:38 :0 इति केशी गौतमीय नामनुं जेवीसचं अध्ययन पूर्ण थयुं. ।। २३ ।। इति श्रीलक्ष्मीकी तिंगणि शिष्य लक्ष्मीवल्लभमणिविरचित श्रीउत्तराध्ययनत्रनी अर्थदीपिका नामनी टीकामा वीस केशीगौतमीय नामनुं त्रेवीसनुं अध्ययन परिपूर्ण थयुं. 10:0 Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only भाषांतर अध्य०१३ ॥१३५४॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 250 251 252 253 254