Book Title: Uttaradhyayan Sutra
Author(s): Vinitpragnashreeji
Publisher: Chandraprabhu Maharaj Juna Jain Mandir Trust

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Page 678
________________ ध्यानदीपिका नवसुत्ताणि नन्दीसूत्र नियुक्ति संग्रह निरुक्त कोश नवतत्त्व प्रकरण नवतत्त्व परिबोध न्यायदीपिका न्यायावतार पंचास्तिकाय पंचाशक-प्रकरणम् विजयकेशरसुरीश्वरजी विजयचंद्रसूरीश्वरजी जैन ज्ञान सन् १९७६ मन्दिर ट्रस्ट, नवरंगपुरा, अहमदाबाद सं. युवाचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्वभारती ई सन् १९८७ लाडनूं (राज.) सं. युवाचार्य श्री मधुकरमुनि श्री आगमप्रकाशन समिति सन् १९६१ . श्री ब्रज मधुकर स्मृति भवन पीपलिया बाजार, ब्यावर(राज.) सं. श्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वर श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला सन् १९८६ लाखाबावल - शांतिपुरी (सौराष्ट्र) युवाचार्य महाप्रज्ञ जैन विश्व भारती सन् १९८४ लाडनूं (राज.) पं. हीरालाल दूगड़ जैन श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर सं. २०४२ संघ, चिकपेट, बेंगलोर विजय मुनि शास्त्री सन्मति ज्ञान पीठ, वि.सं. २०४८ लोहामण्डी, आगरा डॉ. दरबारी लाल कोठिया आचार्य श्री भरतसांगरजी सन् १९९८ महाराज संघ आचार्य श्री सिद्धसेन दिवाकर श्री परमश्रुतप्रभावक मण्डल सन् १९७६ श्रीमद्राजचन्द्र आश्रम आगास, पो. बोरीआ आचार्य कुन्द कुन्द स्वामी आचार्य श्री भरतसागरजी सन् १६६८ महाराज संघ .. डॉ. सागरमल जैन पार्श्वनाथ विद्यापीठ, सन् १९६७ आई.टी.आई.रोड़, करौंदी, वाराणसी निरंजन अग्रवाल तनाव मुक्त परिवार केन्द्र, सन् १९६८ एफ-१/७, ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-१, नई दिल्ली प्राप्ति स्थान - आचार्य श्री कैलाशसगिरसुरि ज्ञान मन्दिर श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा, जिला गांधीनगर सं. भद्रगुप्तविजयजी गणीवर श्री विश्वकल्याण प्रकाशन ट्रस्ट, वि.सं. २०४० कम्बोईनगर के पास मेहसाना (गुजरात) साध्वी हेमप्रभाश्री प्राकृत भारती अकादमी, . १६६६ जयपुर सं. पं. हरगोविन्ददास प्राकृत जैन विद्या विकास फण्ड, सन् १९८७ ७७/३७५, सरस्वती नगर, आजाद सोसायटी, अहमदाबाद सं.प्रो. सागरमल जैन आगम, अहिंसा-समता एवं सन् १९६५ प्राकृत संस्थान, उदयपुर पं. मक्खनलाल शास्त्री 'तिलक' अनेकांत सिद्धांत समिति, सन् १९६५ लोहारिया, बॉसवाड़ा (राज.) सं. श्री पूर्णानन्दविजयश्री श्री जगजीवनदास कस्तुरचन्द ई. सं. १६५८ महाराज शाह, श्री विद्याविजयजी स्मारक ग्रन्थमाला, पो. साठबा (साबरकांठा) परिवार में रहने की कला * प्रकीर्णकदशक प्रशमरति (भाग - १-२). प्रवचन सारोद्धार प्राकृत - हिन्दी कोश प्रकीर्णक साहित्यः मनन और मीमांसा पुरूषार्थसिद्धयुपाय भगवतीसूत्र - सार संग्रह Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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