Book Title: Uttaradhyayan Sutra
Author(s): Vinitpragnashreeji
Publisher: Chandraprabhu Maharaj Juna Jain Mandir Trust

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Page 681
________________ रत्नकरण्डकश्रावकाचार पन्नालाल 'वसन्त' राजप्रश्नीयसूत्रम् सं. श्री मधुकर मुनि लेश्या और मनोवैज्ञानिक डॉ. शान्ता जैन युवाचार्य महाप्रज लोकतंत्र : नया व्यक्ति नया समाज वृहदारण्यकोपनिषद् (सानुवाद शाउँरभाष्यसहित) वृहद्रव्यसंग्रह : श्री नेमिचन्द्रसिद्धान्तिदेव विज्ञान के सन्दर्भ में जैन धर्म मुनि सुखलाल विज्ञान अने धर्म मुनि श्री चंद्रशेखरविजयजी विश्वदर्शन जयज्योत सौम्यज्योति श्री जी श्री मुनिसंघ स्वाध्याय समिति सन् १६५६ . सागर (मध्यप्रदेश) श्री आगम प्रकाशन समिति, सन् १९८२ जैन स्थानक, पीपलिया बाजार, व्यावर (राज.) जैन विश्व भारती सन् १६६६ लाडनूं (राज.) जैन विश्व भारती सन् १६६३ . लाडनूं (राज.) गोविन्दभवन कार्यालय, . सं. १६६५-२०५२ गीताप्रेस, गोरखपुर मुम्बयीस्थ - परमश्रुतप्रभावक . वि.नि.सं. २४३३ मण्डल : अखिल भारतीय तेरापंथ युवक सन् १६८२ परिषद, पो. लाडनूं, जिला ... (नागोर) राज. कमल प्रकाशन, वि.सं. २०२७ ५०१२/२, बीजे माले, चन्द्र होटलनी सामे रतनपोल नाका, गांधी रोड, अहमदाबाद पंच्चाशक प्रकशन समिति, सन् १६६० बारा- मेसर्स खुमचंद गुलाबचंद, मु.सिसोबरा (गणेश) स्टे. नवसारी सेठ अमीचंदजी पन्नालाल वि.सं. १९८० आदिश्वरजी, जैन देरासर . चैरिटेबल ट्रस्ट, ४१, रीज रोड़, बालकेसर मालाबार हिल, मुंबई Department of Jainology University of Madras. Madras P. V. Research 1990 Institute P.T.I. Road, Varanasi - 5 P.V. Research 1951 Institute Jainashram Hindu University Varanasi Sarva seva sangh 1993 prakashan rajghat, Varanasi-221001 (U.P.) India विशेषावश्यक भाष्य श्री व्रजसेन विजयजी Dr.R.P.Poddar An Introduction to the Uttaradhayana Jaina Epistemology Indra chandra Shastri Nathmal Tatia Studies in Jaina Philosophy Saman Suttam Sri. Jinendra Varni Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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