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राज्यस्थान राज्य अभिलेखागार. बीकानेर के निदेशक महोदय ने मंत्रीजी जैन विश्व भारती, लाडनं के नाम एक अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक २६६२ दिनांक २६-७-६१ लिखा है जो अविकल रूप में इस प्रकार है
आदरणीय श्री बगाणीजी,
'तुलसी प्रज्ञा' नये परिवेश में देखने को मिली । देखकर और पढ़कर बड़ी प्रसन्नता हुई। सभी लेख उत्तम कोटे के हैं किन्तु 'आचार्य हरभद्रसूरि का काल-संशोधन' व 'उपाध्याय यशोविजय कृत पातंजल योग सूत्र वृत्ति' में वर्णित जैन कर्म-सिद्धांत आदि लेख अपनी विलक्षणता एवं नवीन जानकारी लिये हुए हैं। इस प्रकार लेखों के चयन के लिये सम्पादक महोदय साधुवाद के पात्र हैं । अगर इसी प्रकार प्रकाशन होता रहा तो वह समय दूर नहीं जब पत्रिका देश और विदेश—दोनों में अपना विशेष स्थान बना सकेगी। मैं पत्रिका के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं। सादर,
भवदीय जे. के. जैन
डाइरेक्टर, राजस्थान स्टेट आर्काइव्ज, बीकानेर-३३४००१
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