Book Title: Trishashti Shalaka Purush Charita Mahakavyam_02
Author(s): Hemchandracharya, Charanvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha
View full book text
________________
C
प्रकाशक- निवेदन.
4%
AGRA%
कलिकालसर्वज्ञ परम पूज्य श्रीहेमचंद्राचार्यकृत श्री त्रिषष्ठिश्लाका पुरुष चरित्र मूळ ग्रंथनुं बीजं, त्रीजुं अने चोथु (त्रण पर्व ) बीजो ग्रंथ ( विभाग ) प्रताकारे अने पुस्तकाकारे श्री जैन आत्मानंद शताब्दिना आठमा पुष्प तरीके प्रगट करवामां आवेल छे.
न्यायांभोनिधि श्रीमद्विजयानंदसूरीश्वरजी ( आत्मारामजी ) महाराजनी जन्मजयंति श्री वडोदरा शहेरमा आचार्य महाराजश्री विजयवल्लभसूरीश्वरजी महाराज साहेबना अध्यक्षपणा नीचे समारोहपूर्वक उजवाणी हती; ते परम गुरुभक्ति अने शताब्दिन चिरस्मरण जळवाई रहे ते माटे पूज्य आचार्य महाराजना विद्वान प्र. शिष्यश्री चरणविजयजी महाराजने ते कार्य सुप्रत करवामां आवेलुं हतुं. अने क्रमे क्रमे आत्मानंद शताब्दि सिरिझनी पाछळ आपवामां आवेल सात ग्रंथो प्रकट थया हता. दरम्यान विद्वान मुनिराजश्री चरणविजयजी महाराजनो अचानक स्वर्गवास थयो. आवा विद्वान मुनिवर माटे आखा परिवारनी जेम ज आ सभाने पण ते दुःखनो विषय बनेल छे. ___त्यारबाद आ कार्य केटलोक वखत सुधी मुलतवी रह्यं हतुं, परंतु त्रिषष्ठिश्लाका पुरुष चरित्र जेवा महामूला व्याख्यान उपयोगी कथा अने काव्य साहित्यना अपूर्व ग्रंथy बाकी- प्रकाशन कार्य पूर्ण थर्बु जोईए, तेम आचार्यश्री विजयबल्लभसूरीश्वरजी महाराजनी इच्छा थतां साक्षर शिरोमणि पूज्य श्री पुण्यविजयजी महाराजने ते कार्य सुप्रत कयु. परम पूज्यश्री पुण्यविजयजी महाराजश्रीए पाटण ज्ञानमंदिर अने भंडारोनी व्यवस्था कर्या पछी आगमो
%EC%ERes-4
AF%
%
%A
Jain Education International
For Private & Personal use only
Marw.jainelibrary.org