Book Title: Triloksar
Author(s): Nemichandra Siddhant Chakravarti, Ratanchand Jain, Chetanprakash Patni
Publisher: Ladmal Jain

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Page 826
________________ ļ | I I f भ भवन २०७ भ्रमका बिल १६०- १६१ भारत बिल १६०- १६१ मुक्ति ३६२-३६६ भूमि ११०-१११ भूमि (७) १५२.१५४ म मकर राशि ३२८,३२ मघवी १५५ मध्य प्रदेश ७ मनक बिल १६०, १६१ मण्डर अधोलोक ११८-१२२ मसार करूपा १५६.१४.७ महातम प्रभा १५४, १५.५ महाशलाका कुण्ड १५, १७,३६ माघवी १५५ मान १२,१३,१६ मारा बिल १६०,१६१ मुख ११०,१११ मेघा १५५ य यमक गिरि ५४० यवमध्य अधोलोक ११६-११८ यवमुरज अधोलोक ११५-११७ युक्क्तानन्त ५३, ५४,६२,६३ युक्त संख्यात १४, ४०.४१.५३,५४ योग ८१,८२,८३,८४ र रत्नप्रभा १५४-१५६ रेणु २३ रज्जु ११ राच मल्ल (मनुष्यका नाम) ४, ६ बाजू ११ रेणु २३ ३ रोम ८७,६२,६३,६६, १०० रोरव बिल १६०,१६१ ल लडकि बिल १६०,१६१ लोक ७,६,७४-७७.८६, ११० लोक परिधि १३५, १६६ लोकिक बिल १६०, १६१ लोकिक मान १२,१३ लोलक्रस बिल १६०,१११ लोहित १५६, १५७ व कान्त बिल १३०,१६९ कुल १५६,१५७ बच्चा १५६, १५७ चनक बिल १६०-१६१ मातृक धारा1 ५७ वर्गमूल ६०,६१,७४ वर्गशलाका ६०,६१,६७,६६, ६६,७४-६०१०१-१०४ गितसंगित ७५,७६, ७, ८० दंसा १५५ व्यवहार पल्य ८०, ६३ व्यवहार योजन २२, २४ व्यास १७,८८,८६ वाभवलय १३७,१४२ वादलिल बिल १६०, १६१ वासना १६ विक्रान्त बिल १६०,१६१ विभ्रान्त बिल १६०,१६१ विमान २०७ विरलन ४०-४३,४६.४७,६६, ७४ विष्कम्भ ८६-२ विषम धारा ४६.५१,५२ विषुप - ३८०-३८३ ४ १८.१३ १५६,१५७ 可 पार्कमा १५४, १५५ शलाका कुण्ड १५,३२,३८ शलाका त्रय निgापन ४३, ७५ कलाकाराशि ४०-४३,४६, ४७, ७४ नज्ञान ४८,६४,६५ श्रेणीबद्ध बिल १५६१६० शालमली वृक्ष ५३८ शिखा फल २४, २६, २८, ३० शिखा वेध ३०.३१ त्रा १४६, १५७ श्रेणी (देखो जगत् श्र ेणी ) स सज्वलित १६०,१६१ सन्नासन २३ ममधारा ४६-५२ सम्यज्वलित १६०,१६१ सम्भ्रान्त बिल १६०,१६१ समित २११,२१२ सर्वधारा ४६-५२ सर्वाधिक १५६, १५७ संख्या प्रमाण १४ संख्यात १४,१८,२६,७२ स्तनक बिल १६०, १६१ न लोला १६०,१६१ सम्मको १२६ स्थिति बंध कषाय परिणाम ८१-०३ स्फटिका १५६,१५७ सागर ६,६५,३६,६६, १०१, १०६ सामान्य अधोलोक ११३.१९४ सामान्य कम्वलोक १२५, १२६ सामानि २०६२०

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