Book Title: Tirthankar Stavan
Author(s): Ratanchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 2
________________ ८. श्री चन्द्रप्रभ स्तवन चन्द्र जिनका चिह्न है, वे चन्द्रप्रभ परमातमा । जो चलें उनके पंथ पर, वे भव्य अन्तरातमा। जो जानता उनको नहीं, वह व्यक्ति है बहिरातमा ।। जो पूजता उनके चरण, वह आत्मा धर्मात्मा ।। ९. श्री सुविधिनाथ स्तवन अष्टविधि से रहित हो, फिर भी कहाते सुविधि नाथ । तिल-तुष परिग्रह भी नहीं, फिर भी कहाते त्रिजगनाथ ।। जो शरण उनकी लेत है, वह होत भवदधि पार है। अक्षय अनन्त ज्ञायक प्रभु की, वन्दना शत बार है।। १. कर्म, २. तीनलोक के स्वामी, ३. संसार-सागर (४७) १२. श्री वासुपूज्य स्तवन वस्तुस्वातंत्र्य सिद्धान्त महा, कण-कण स्वतंत्र बतलाता है। फिर कोई किसी का कर्ता बन, कैसे सुख-दुःख का दाता है? हो वीतराग सर्वज्ञ हितंकर, अतः बन गये परम पूज्य । सौ इन्द्रों द्वारा पूज्य प्रभो! इसलिए कहाये वासुपूज्य ।। १३. श्री विमलनाथ स्तवन हे विमलनाथ! तुम निर्मल हो, कोई भी कर्मकलंक नहीं। हो वीतराग सर्वज्ञदेव, पर का किंचित् कर्तृत्व नहीं ।। निर्दोष मूलगुण चर्या से, मुनिमार्ग सिखाया है तुमने । द्वादशांग जिनवाणी से, शिवमार्ग बताया है तुमने ।। (४९) १०. श्री शीतलनाथ स्तवन चन्दन सम शीतल हो प्रभुवर, चन्द्र किरण से ज्योतिर्मय । कल्पवृक्ष से चिह्नित हो अरु, सप्तभयों से हो निर्भय ।। तुमसा ही हूँ मैं स्वभाव से, हुआ आज मुझको निर्णय । अब अल्पकाल में ही होगा प्रभु, मुक्तिरमा से मम परिणय ।। ११. श्री श्रेयांसनाथ स्तवन कोई किसी का नाथ नहीं, फिर भी तुम नाथ कहाते हो। श्रेयस्कर कर्तृत्व नहीं, फिर भी श्रेयांस कहाते हो।। जिनवाणी का वक्तृत्व नहीं, पर मोक्षमार्ग दर्शाते हो। अरस अरूपी हो प्रभुवर! अमृत रसधार बहाते हो।। १. प्रकाशयुक्त, २. विवाह, ३. कल्याणकारी, ४. बोलना १४. श्री अनन्तनाथ स्तवन अनन्त चतुष्टय आलम्बन से, जीते क्रोध काम कल्मष । भेदज्ञान के बल से जिसने, जीते मोह मान मत्सर ।। शुक्ल ध्यान से जो करते हैं, घाति-अघाति कर्म भंजन। ऐसे अनन्त नाथ जिनवर को, मन-वच-काया से वन्दन ।। १५. श्री धर्मनाथ स्तवन दया धरम है दान धरम है, प्रभु पूजा धर्म कहाता है। सत्य-अहिंसा त्याग धरम, जन सेवा धर्म कहाता है।। ये लोक धरम के विविध रूप, इनसे जग पुण्य कमाता है। शुद्धातम का ध्यान धरम, बस यही एक शिवदाता है ।। १. ईर्ष्या, २. नष्ट करना, ३. जिन्हें लोक में धर्म संज्ञा प्राप्त है

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