Book Title: Tidantarnavatarani
Author(s): Dhanvada Gopalkrishnacharya Somayaji
Publisher: E J Lazarus and Co
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जुड-बंधने जुत--भासने
अधू-वयोहानी
एष्ठ
पृष्ठ जिरि-हिंसायां-छा० नुः प० ३६४ झर्भ-परिभाषणभनियोःशः ५० जिवि-प्रीणनार्थः शप् प० ३६१ | झष-हिंसाः ः ५० ३७१ जिषु-सेचने
शप् प० ३३१ | झष-प्रादानसंवरणयोः शप उ० ३७२ जीव-प्राणधारणे शप प० ३६९ झ-इत्येके
ना०प० ३७२ बुगि-वर्जने शप् प० ३५६
प्रयन् प० ३७२ जुड-गती-जुनेत्येके शप ५० ३६४
इति झकारादयः। जुड-बंधने
शः प० ३६४ शः १०
अथ टकारादयः। शप प्रा० ३६७
टकि-बंधने णिच प० जुष-परितर्कणे
णिच प० टकि-बंधने
शप ५० ३७४ नुषी-प्रीतिसेवनयोः शः प्रा०
टल-वैकल्ये तरी-हिंसाव्योहान्योः श्यन प्रा०
शप प० ३७२ રૂદદ
टिक-गत्यर्थः शप प्रा० ३७४ साब-हिंसायां शप् प० ३६१
टीक-गत्यर्थः शप प्रा० ३७० लष-परिभाषणे णिच प० ३६६
खल-वैलव्ये चि प०७४ अभि-गाविनामे शप श्रा० ३६६
खल-वैतव्ये शप. प. अष-वयोहानी प्रना०प०३६४
इति टकारादयः । -वयोहानी णिच प० ३६६
णिच प० ३६२ अथ डकारादयः । बेष्ट-गती
शप प्रा० ६६ डप-संघाते णिच, प० ३७३ छह-प्रयो
अप् प्रा० ३६९ | डल-उत्तेपे
णिच प० ३७६ मह-तिर्गती शप पा० हिप-क्षेपे .
घः प०७६ जे-हये शए प० १६२ डिप-क्षेपे
णिच ५० ३७३ जप-मिच णिच ५०३६६ डिप-क्षेपे
श्यन् प० ३७४ चा-पायबाधने प्रना० ५० ३६५ डिप-संघाते णिच प०३७६ शा-नियोगे
णिच प० ३६६ | डिङ्-विहायसागतो शप प्रा० ३७६ ज्वर-रोगे
शप् प० ३६२ डीह-विहायसागती श्यन प्रा०३७८ ज्वल-दीप्ता
शप प० ३६२/ डोख-शोषणालमर्थयोः शप प० ज्या-बयोहानी प्रना. १०३६४ डोक-गती
अप्पा० ३७६ वि-अभिभवे शप प०
। इति डकारादयः।
णिच ५० ब्युर-गती थप् प्रा०
अथणकारादयः । रति नकारादयः ।
णक्ष-गती
शप प० ३८० णख-गत्यर्थः
शप प० ३८० अथ झकारादयः ।
णखि-गत्यर्थः भए प०३८० झट-संघात शप ५० ३७० णट-वृत्ती
शप ५० भमु-अटने शप ५० ३७१/ ट-मृत्ती
पिच प० झर्भ-परिभाषहिंसा
णठ-श्रव्याक्तशब्द शप् प०३७८ तर्जनेषु
सप ५० ३७२ 'गद-भाषार्थः पिच प०

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