Book Title: Thanang Sutra
Author(s): 
Publisher: ZZZ Unknown

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Page 169
________________ सय इसए उमा से उमविदा धम्म रहा। दसवा महमाइंस वा जावप्प ही मणी रिहा वसूचडरकप्पहीलो रिससी ॥वाख दावादसवासमार यता एव वमानमार हादिसाधनाएं। दसवा काहि एवाखादावदमध वासमयाश सरकमा राजाव त्रिश्वासाम सरकायांत ॥ श्रागगर्द धो॥२दसव हिउवघा दमलावघा एाचारिताव घा माही उपायवि सोही जानुसारका कसाय कालसापा al कालासादसवाद साइदियबला जावासिंदिय बालानाएं रका याद वताना अप दीपा उम्म शाक्य से मिरुप विवदारता या लोरोपियन देवदासिया हासला प्रवाद्यावद्यायेलिस्मितिद सामारिदम विदिचमी वासीयांद यास्यकि मुहर जावपार सवि aat यसकाल सादसवाद बालाएं। सहि हातको ह एस. वासमहमाशंसा क्रयया लइता:जा मारपुढचा एने विप्पहीलाः प्याटवा ॥सव लि सवाधा प्रि विघाट सात सका जाववरिश से किले बलातबलावा रियबल प्रमेवम्यादमवि

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