Book Title: Tattvarthashloakvartikalankar Part 04
Author(s): Suparshvamati Mataji
Publisher: Suparshvamati Mataji

Previous | Next

Page 355
________________ तत्त्वार्थश्लोकवार्तिक * 342 299 222 श्लोक पृष्ठ सं. | श्लोक पृष्ठ सं. | श्लोक पृष्ठ सं. सहस्रेष्टशती यद्वत् 173 | सधर्मत्वविधर्मत्व- 271 सा पक्षांतरसिद्धिर्वा 192 संक्षेपेण नयास्तावत् 174 | संस्कारापेक्षणो यद्वत् 289 | सामर्थ्याद्गम्यमानस्य 201 सत्यवाग्भिर्विधातव्यः 175 | सत एव तु शब्दस्य 295 | सा तत्र वादिनो सम्यक् 206 सभ्यैरनुमतं तत्त्व संदेहेत्यंतसंदेहः साध्यधर्मविरुद्धेन 207 सत्यसाधनसामर्थ्य 191 | सर्वार्थेष्वविशेषस्य 307 सामान्यमैंद्रियं नित्यं 210 समर्थसाधनाख्यानं 191 | सत्वेन च सधर्म्यत्वात् 318 | सा हेत्वादिपरित्यागात् 210 सद्दोषोद्भावनं वापि 191 | सर्वदा किमनित्यत्व- 320 | सास्त्येव हि प्रतिज्ञान- 211 . सभ्यप्रत्यायनं तस्य 197 | सत्त्वाभावादभूत्वास्य 321 | सामान्येनेंद्रियत्वस्य 213 सत्साधनवचः पक्षो __ 198 | समुद्दिष्टो मार्गः- 330 साधनावयवस्यापि सत्ये च साधने प्रोक्ते 203 | सामानाधिकरण्यं च 13 | साधनावयवोऽनेकः . 223 सर्वं पृथक्समुदाये 218 साध्ये सत्येव सद्भावात् 37 / साधणेह दृष्टांते 271 सर्वथा भेदिनो नाना- 218 | सामर्थ्य चक्षुरादीनां 82 | साधर्म्यणोपसंहारे 273 संधाद्यवयवान्यायात् 234 | साध्ये च तदभावे च 84 | साध्यसाधनयोर्व्याप्ते 274 सभ्यप्रत्यायनं यावत् 243 | साध्याभावे प्रवृत्तो हि 86 साध्यदृष्टांतयोर्धर्म 279 सकृद्वादे पुनर्वादो 243 | साध्याभावे प्रवृत्तेन 87 | साध्यधर्मिणि धर्मस्य 281 सर्वेषु हि प्रतिज्ञान 247 साध्यस्याभाव एवायं 87 साध्यधर्मविकल्पं तु 283 संभवत्युत्तरं यत्र 248 साध्यरूपतया येन | साध्यदृष्टांतयोर्धर्मसंक्षेपतोन्यथा क्वायं 249 सामान्यादेशतस्तावत् 122 | साध्यातिदेशमात्रेण 285 सत्यमेतदभिप्रेत सामान्यस्य पृथक्त्वेन 129 | साधकः प्रतिदृष्टांतो 289 सत्स्वपक्षप्रसिध्यव 249 सामानाधिकरण्यं क्व 145 | सामान्यघटयोस्तुल्य सभां प्राप्तस्य तस्य स्यात् 251 | साशब्दान्निगमादन्यात् 161 | | साधनादिति नैवासौ स्वयं नियतसिद्धांतो 251 | साभिमानजनारभ्या 176 | साध्यधर्मनिमित्तस्य 311 सर्वथा शून्यतावादे 269 | सामर्थ्यं पुनरीशस्य 190 | साधनाभप्रयोगेपि 323 298 310

Loading...

Page Navigation
1 ... 353 354 355 356 357 358