Book Title: Tattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tika Tatha Hindi Vivechanamrut Part 03 04
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 254
________________ सुशील सन्देश में आप क्या पढ़ेंगे ? | जीवन में गुनगुनाहट कराने वाले गीत-संगीत-कविता जैन संस्कृति की गौरव गाथा गाने वाली मधुर शिक्षाप्रद कहानियाँ | जैन तत्त्वज्ञान की विशद जानकारी हेतु स्वाध्याय- प्रश्नोत्तरी सुवचनों का अपूर्व संग्रह | ज्ञान के साथ में विविध चुटकुलों का संग्रह प्रकाशित पुस्तक ग्रन्थों की समीक्षात्मक टिप्पणी | विविध शासन - प्रभावना के अनुमोदनीय समाचार पाठकों के विविध विचार इन स्थायी स्तम्भों के अतिरिक्त विविध लेख, ऐतिहासिक कथाएँ, जीवन-निर्माण के उपयोगी लेख, तीर्थ महिमा, स्वास्थ्य चिन्तन पर लेख आदि का प्रकाशन होता है। सुशील सन्देश के ८ वर्ष में १८ भव्य विशेषांक प्रकाशित हुए हैं। सदस्यता शुल्क : १११/- रुपये एक वर्ष पाँच वर्ष : ४११/- रुपये आजीवन : ७११/- रुपये आजीवन स्थायी स्तम्भ : १५११/- रुपये कार्यालय व सम्पर्क सूत्र : सुशील सन्देश प्रकाशन मन्दिर सुराणा कुटीर, रूपाखान मार्ग पुराने बस स्टेण्ड के पास, सिरोही - ३०७००१ (राज.) S.T.D. 02972 फोन न. 3330 काव्यकुञ्ज पढ़ो और पाओ समाधान के आयाम अनमोल मोती आओ आनन्द करें। साहित्य समीक्षा धन्य जिनशासन एवं श्री वीतराग शासन प्रभावना - प्रतिक्रिया - मत-सम्मत विनीत : सुशील फाउण्डेशन * संघवी श्री जौहरीलाल-सुरेन्द्रकुमार पटवा, जैतारण * शा. बाबु भाई पूनमचन्द जी, जावाल (ऊंझा) * शा. सुखराज कपूरचन्द जी, अगवरी (बम्बई) * शा. हनवन्तयन्न जी मेहता, पाली शा. किशोरचन्द्र मीठालाल जी (जालोर वाला), पाली 10

Loading...

Page Navigation
1 ... 252 253 254 255 256 257 258 259 260 261 262 263 264