Book Title: Tattvarthadhigam Sutraam Tasyopari Subodhika Tika Tatha Hindi Vivechanamrut Part 03 04
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

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Page 259
________________ (१) तीर्थ-निर्माण के प्रथम चरण में श्री अष्टापदजी तीर्थ जिनमन्दिर (जिनमन्दिर निर्माण ४५०० वर्ग फीट की भूमि पर होगा, इस अष्टकोणीय जिनप्रासाद के चारों ओर गुलाबी पत्थर में कमल फूल की भव्य रचना होगी, जो अत्यधिक रमणीय व नयनाभिराम होगी) श्री वर्धमान जिनपट्टपरम्परा देव-गुरुमन्दिर (निर्माता-श्री नैनमल जी विनयचन्द्र जी सुराणा, सिरोही) आचार्य श्री लावण्य सूरि जैन ज्ञानमन्दिर व आराधना भवन श्री श्राविका आराधना भवन-उपाश्रय (पू. साध्वी श्री दिव्यप्रज्ञाश्रीजी म. (पूज्य माताजी महाराज) तथा पू. साध्वी श्री शीलगुणाश्री जी म. के चल रही श्री वर्धमान तप की १०० ओली आराधना निमित्त श्री अष्टापद जैन तीर्थ, सुशील विहार देवस्थान पेढ़ी, रानी धर्मशाला (१६ ब्लॉक युक्त) यात्री विश्रान्ति गृह (१६ कमरों युक्त) वारिगृह-प्याऊ (२) तीर्थ-निर्माण के द्वितीय चरण में• श्री भैरव संघ भवन श्री वर्धमान आयम्बिल भवन श्री भोजनशाला भवन श्री अष्टापद जैन तीर्थ, सुशील विहार प्रवेश द्वार (जैन संस्कृति की महान् कलायुक्त) श्री शान्ति उपवन आदि के निर्माण की योजना शीघ्र प्रारम्भ करने का आयोजन है। (३) तीर्थ-निर्माण के तृतीय चरण में धर्मशाला के उपरिभाग में कमरे, हॉल, ब्लॉक आदि का निर्माण कार्य होगा। एवं श्री शान्तिधाम-वृद्धाश्रम का निर्माण तथा श्री साधर्मिक भक्ति सेवा फण्ड की स्थापना की जाएगी।

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