Book Title: Tattvartha Sutra Jainagam samanvay
Author(s): Atmaramji Maharaj
Publisher: Ratnadevi Jain Ludhiyana

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Page 320
________________ णि पञ्च चैव यथाक्रमम् ३ नारका नित्याशुभतरलेश्यापरि २नित्याशुभतरलेश्या: णामदेहवेदनाविक्रियाः ७ जम्बूद्वीपलवणोदादय: शुभनामानो द्वीपसमुद्राः १० भरत हैमवतहरिविदेहर म्यकहैरण्यवतैरावतवर्षाः क्षेत्राणि १२ हेमार्ज्जुनतपनीयवैडूर्यरजतहेम मया: १३ मणिविचित्र पार्वा उपरिमूले च तुल्यविस्तारा: १४ पद्ममहापद्मतिगिच्छकेस रिमहापुण्डरीकपुण्डरीका हृदास्तेषा ७ जम्बूद्वीपलवणादय: शुभनामानो द्वीपसमुद्रा: १० तत्र भरत ( ५ ) X X .... X

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