Book Title: Tattvarth Varttikam Part 02
Author(s): Akalankadev, Mahendrakumar Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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पृ. पं. १७५ १४,१९,
२२,२८ १९२ २२ १७७ १,२२ १९२ १९,२७
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१६९ १९४ १९५ १९६ २२०
३० २९
२८ ४,१६
२४
१७८३
१७९ ९,३२ १८०१
१८३
८३८
तत्त्वार्थवार्तिके पृ० पं.।
पृ० पं. कुण्डलवरद्वीप १९९
गन्धवान् १८१ कुण्डलवरोद १९९ २१ गन्धिमालि १७७ कुण्डला
गन्धिल . १७७ कुमुद १७७ १९ गम्भीरमालिनी १७७
देवारण्य कुमुदकूट १७८ ६,१० गौतमद्वीप
दैवकुरवक २००
ग्राहावती १७५ ३२ कुमुदप्रभा १७९ २८
घातकीखण्ड कुमुदा १७९ घृतवर १६९
घातकीषण्ड कुरुक्षेत्र २३ २८ | घृतोद कुलपर्वत १७१ केसरिहद क्षीरवर
चक्रपुरी १७७ क्षीरोद १६९ चन्द्रगुहा
| नन्दन चारणगुहा १७९ १५ क्षीरोदा १७७
चित्रकूट १७५ २७,३२ नन्दनवन क्षुद्रहिमवत् १७२
चित्रप्रभा २२५ १७ चित्रवन
१७९ २० क्षुद्रहिमवान् १८२८
नन्दवती क्षेमपुरी १७६ १६ | जम्बूद्वीप १६९ ३०
नन्दा क्षेमा १७६ १६,३२
२२० २० । नन्दिघोषा
जम्बूवृक्ष १७४ ७१९ नन्दीश्वर खड्गपुरी १७७ २८ जयन्त १७० ३० नन्दीश्वरवर खड्गा १७६
जयन्ती १७७२७ नन्दीश्वरोद खण्डकप्रपातकूट १७२
त
नन्दोत्तरा खण्डकप्रपाततपनीय १९७
नन्द्यावर्त गुहामुख १८७
२२५ खण्डप्रपात १७१ तप्तजला १७७
नरकान्ता तमिस्र १७१ गगनवल्लभ १७२ तमिस्रगुहाकूट १७२
नलिन गङ्गा १७१
तमिसगुहामुख १८७ १७६ तिगिञ्छहद १८५
नलिनकूट १७७
नलिना तोयन्धरा १७९
नलिनावर्त
१७७६ नाग गङ्गाकुण्ड १७६
नारी गडाकूट
२३ दक्षिणश्रेणि १७२ २ गन्धमादन १७३ १७,२४ दक्षिणार्धभरत
निमग्नजला गन्धमालि १७३ १७,२५ | कूट १७२ १० निषध गन्धर्वगुहा १७९ १४ | देवकुरु १७३६
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१९८ १०,१३ १९८ १०,१२ १९८ १०,१३ १९८४ १६९ ३१ १६९ ३१ १९८ १०,३१ १९९ २५ २२५ १८३ १८९ १७६ १७७ २०० १७५ १७९
२८
२४
P
२४
१८७
त्रिकूट
१७७
१८३
१८७
१८९ १७१ १७५ १७९

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