Book Title: Tattvanushasan Namak Dhyanshastra
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 355
________________ ४४ | मोक्ष AnMMe ३६ १८७ तत्त्वानुशासनकी लक्षाणात्मक शब्द-सूची २४५ ध्यान-काल ४४ | मिथ्यादर्शन (मोह) ध्यान-देश ४४ | मुक्ताऽऽकार ध्यान-फल ध्यान-सज्ञक-श्रु तज्ञान मोक्ष-सुख ध्यान-सामग्री | मोक्ष-हेतु ध्येय ४४ | योग ध्येय (प्रकारान्तर) १३३ वास्तव-सर्वज्ञ ध्येयतम ११६, १२०,१२१ व्यवहार (भिन्न)-ध्यान ६४,६५ नाम-ध्येय १६-११० व्यवहार-नय निरोध(ध्यानलक्षणे) ५८,६२,६३ व्यवहार-मोक्षमार्ग निश्चय (अभिन्न)-ध्यान ६४,६५, शुक्ल-ध्यान १३८ निश्चय-नय श्रौती-भावना १४०-१४६ निश्चय-मोक्ष मार्ग समरसीभाव १३२ नैरात्म्य १६० समाधि नैरात्म्य-दर्शन १६० समाधि (प्रकारान्तर) नरात्याऽद्धत-दर्शन सम्यक्चारित्र परगुरु सम्यग्ज्ञान पिण्डस्थ-ध्येय १३० सम्यग्दर्शन प्रसख्यान ससार बन्ध सासारिक-सुख २०२ बन्ध-हेतु सिद्धात्मक ध्येय १२१,१२२ भाव-ध्येय ६६, ११६ । स्थापना-ध्येय ६६, १११ भाव-ध्येय (प्रकारान्तर)१२६,१३१ स्वरूपावस्थिति १६६-१६६ भावाऽर्हन १७० | स्वसवित्ति मध्यम-ध्याता-ध्यान स्वसवेदन ममकार २१,२२ स्वसवेद्यात्मस्वरूप १५२-१५ मिथ्याचारित्र १६ स्वाध्याय ৩৩ मिथ्याज्ञान १८ । हेय-तत्त्व 17 ० mr ३४ ० mr mror ० ५२ १५१

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