________________ 68 तत्त्वज्ञान पाठमाला भाग -2 क्रमार्पण (क्रम से कथन करना) की अपेक्षा से वस्तु उभयरूप (भावाभावरूप) है एवं एक साथ भाव और अभाव को कहने में असमर्थ होने से वस्तु स्याद्अवक्तव्य है। इसके बाद के तीन भंग स्याद् सद् अवक्तव्य, स्याद् असद् अवक्तव्य और स्याद् सदासद् अवक्तव्य को भी अपनी-अपनी अपेक्षा घटित कर लेना चाहिए / / 16 / / प्रश्न१. देवागम स्तोत्र एवं उसकी विषय-वस्तु का संक्षिप्त परिचय दीजिये। 2. निम्नलिखित में परस्पर अन्तर बताइये : (क) सामान्य सर्वज्ञसिद्धि और विशेष सर्वज्ञसिद्धि (ख) भावैकान्त और अभावैकान्त 3. चारों प्रकार के एकान्तों का सयुक्ति निषेध कर स्थाबाद की सिद्धि कीजिये।