Book Title: Tao Upnishad Part 02
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 411
________________ हम ऐसा कह कि लाओत समय के प स स क हो गया। यह उस आज पैदा होना उसकी जा सकती थी। से बीमारी पैदा न ऐसा समझ हुई हो और चिकित्सक पैदा हो गया हो। और उसने आँषधि की बात की हो, लेकिन किसी ने ध्यान न दिया हो ! क्योंकि अभी वह बीमारी ही पैदा नहीं हुई हैं, जिसके लिए वह औषधि बता रहा है। लेकिन पच्चीस सौ साल में हमने री पैदा कर ली हैं, जिसकी औषधि लाओत्से है। इसलिए आज लाओत्से की बात करने. की सार्थकता है। आज लाओत्से चुना जा सकता है, चुनना ही पड़ेगा। ने थी। था। आज ॐॐ

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