Book Title: Syadi Shabda Samuchhay
Author(s): Vijaymahimaprabhsuri
Publisher: Mahimaprabhvijay Gyanmandir Trust

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Page 237
________________ भारना२. [२२४] स्यादिशब्दसमुच्चयः । बृहत्-वि० भोट १५४ | भूरि-न० सोनु. ब्रह्मन्-पुं० श्राम, भूरि-वि० घा, मोटु, ब्रह्मदेवता. वार वा२. ब्रह्मन्-पुं० पायय', तप, भूरिदावन्-वि० धा धान सत्य. नार. ब्रह्महन्-वि० श्रामणुन भोक्त-वि० नोगवना२. ११४ १६७ भ्रात-पुं० लाई. ११३ भगवत्-वि० नशा महार, भ्रातृद्रह-वि० साधना श्रीमत. દ્રોહ કરનાર १९५. भवत्-वि० मनतु, यतुः १५५ भ्रूणहन्-वि० माल त्या भवत्-पुं० आ५, तमे. १५५ २नार. १६७ भवादृश्-वि० आना १८२ मघवत्-वि० मक्षाशा १५५. भात्-वि० शतु, हीपतु. १५७ मघवत्-पुं० द्र, स्त्री० भानु-पुं० स्य, PिY, . १०६ द्राी . १५५. भास-स्त्री० अश, ५४छायो, मघवन-पुं० , धुव७. १६६ मघोनी-स्त्री० /-दा. १६६ भास्वत्-वि० शतु', मजन्-पुं० यमी, वृक्षने। हीपतु: गम १६५ भास्वत्-पुं० सूर्य, वीर, मजा-स्त्री० यमी, वृक्षनरी प्रभात. १५९ ग . भी-स्त्री० लय, मी, पारती १०० मण्डपलिप्-वि० भ७पने भीरू-स्त्री० मी. १०० लीपना२. : भू-स्त्री० पृथ्वी, मीन. १०० मति-स्त्री० भुद्धि, स्मृति. ९७ . भूपति-पुं० २०. ९४ मथिन्-पुं० , २वैयो. ९६ भूभृत्-पुं० ५'त, न. १५२ | मधु-न० मध, पा९, ३. १०८ . भूयसू-वि० घा, भा. १९२ मधु-वि० मधु२. १०८ કિરણ.

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