Book Title: Swetambar Sampraday ke Gaccho ka Samanya Parichay
Author(s): Shivprasad
Publisher: Z_Shwetambar_Sthanakvasi_Jain_Sabha_Hirak_Jayanti_Granth_012052.pdf
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6. कल्पसूत्रस्थाविरावली, 216-221.
7. वही,
1. भगवतीसूत्र, 15/1/539-61.
2. वही, 9/33/386-7.
3. कल्पसूत्रस्थविरावली 205-223.
4. नन्दी सूत्रस्थविरावली, 25-48.
5. विशेषावश्यकभाष्य 3053 और आगे आवश्यकभाष्य 145 और आगे आवश्यकचूर्णी, प्रथम भाग, पू.
427,586.
8. सम्बोधप्रकरण,
9. खरतरगच्छ बृहद्गुर्वावली संपा. जिनविजय [सिंघी जैन ग्रन्थमाला ग्रन्थांक 42, बम्बई 1956 ई. 2, पृ. 2-3.
10. द्रष्टव्य, संदर्भ संख्या 12.
11. श्रीपार्श्व अंचलगच्छदिग्दर्शन [बम्बई, 1980 ई. पू. 10.
12.
अगरचन्दनाहटा "जैन श्रमणों के गच्छों पर संक्षिप्त प्रकाश" यतीन्द्रसूरि अभिनन्दनग्रन्थ आहोर,
1958 ई. 1, पृ.141.
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13. शिवप्रसाद
"आगनिकगच्छ अपरनाम (प्राचीन) त्रिस्तुतिकगच्छ का इतिहास" पं. दलसुखभाई मालवणिया अभिनन्दन ग्रन्थ वाराणसी 1991 ई. स. पृष्ठ 241 284.
14. शिवप्रसाद
"उपकेशगच्छ का संक्षिप्त इतिहास" भ्रमण वर्ष 42, अंक 7-12, पृ. 91-182. 15. वही, पृ. 181182.
17. H.D. Velankar
16. C.D. Dalal A Descriptive Catalogue of Manuscripts in the Jain Bhandars at Pattan, Gaekwad's Oriental Series No. LXXVI, Baroda, 1937 A.D., pp. 210-213. Jinaratnakosa, Bhandarkar Oriental Research Institute, Government Oriental Series, Class C No. 4, Poona, 1944 A.D., pp. 349-350. 18. "कृष्णार्विगच्छ का संक्षिप्त इतिहास" नामक मेरा एक शोध निबन्ध लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर, अहमदाबाद द्वारा प्रकाशित होने वाली वार्षिक शोध पत्रिका सम्बोधि के आगामी नये अंक में प्रकाशनार्थ स्वीकृत हो चुका है.
19. शिवप्रसाद "कोरंटगच्छ का संक्षिप्त इतिहास" भ्रमण वर्ष 40 अंक 5, पू. 15-43.
20. शिवप्रसाद "भावडारगच्छ का संक्षिप्त इतिहास" भ्रमण वर्ष 40, अंक 3, पृ. 15-33.
21. नाहटा, पूर्वोक्त, पू. 145 146.
22. मुनि जिनविजय संपा. खरतरगच्छबृहद्गुर्वावली, सिंधी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक 42, बम्बई 1956 ई.
भूमिका, पू.6-12.
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सन्दर्भ-ग्रन्थ
श्वेताम्बर सम्प्रदाय के गच्छों का सामान्य परिचय. pt 12mu
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