Book Title: Swarup Sambodhan Parishilan
Author(s): Vishuddhasagar Acharya and Others
Publisher: Mahavir Digambar Jain Parmarthik Samstha

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Page 319
________________ परिशिष्ट-3 स्वरूप-संबोधन-परिशीलन 1259 पद्मपुराण, रविषेण (आचार्य), भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, 1998, सप्तम संस्करण। परमात्म-प्रकाश, योगीन्द्रदेव (आचार्य), श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, अगास, 1978, चतुर्थ संस्करण। परीक्षा-मुख-सूत्र, आचार्य माणिक्यनन्दि।। पुरुषार्थसिद्धयुपायः, अमृतचन्द्र (आचार्य), परमश्रुत प्रभावक मंडल, बम्बई, सं. 2479, चतुर्थ संस्करण। प्रवचनसार, कुन्दकुन्द (आचार्य), श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, अगास 1999, पंचम आवृत्ति । बारसाणुपेक्खा, कुन्दकुन्द (आचार्य), प्रेक्षादेशना, रायसेठ श्री नन्दन कुमार जैन, मंडला, 2008, द्वितीय संस्करण। बृहद् द्रव्यसंग्रह, नेमिचन्द सिद्धान्तचक्रवर्ती (आचार्य), श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल अगास, 1981, पंचम संस्करण। मूलाचार, वट्टकेर (आचार्य), भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली, 2006, छठा संस्करण | रत्नकरण्ड-श्रावकाचार, समन्तभद्र (आचार्य), भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत् परिषद्, 1994 तृतीय संस्करण। रयणसार, कुन्दकुन्द (आचार्य), जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर, 2006, प्रथम संस्करण समयसार, कुन्दकुन्द आचार्य, श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, अगास, तृतीय संस्करण । समाधितंत्र, पूज्यपाद आचार्य, भारतवर्षीय अनेकान्त विद्वत् परिषद्, 1989-90, प्रथम संस्करण। सर्वार्थसिद्धि, पूज्यपाद आचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ, 1998, आठवाँ संस्करण। सिद्ध-भक्ति, भक्त्यादि-क्रिया-संग्रह, श्री रतन चन्द्र खुशालचन्द्र गान्धी, फलटन, 1982 | स्वरूप-सम्बोधन-पञ्चविंशतिः, अकलंकदेव (आचार्य), दो संस्कृत टीकाएँ, क्रमशः पण्डित खूबचन्द शास्त्री व अज्ञात कर्तृक।

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