Book Title: Swami Samantbhadra Author(s): Jugalkishor Mukhtar Publisher: Jain Granth Ratnakar Karyalay View full book textPage 8
________________ - - - - विषय-सूची। L - -- विषय प्राक्कथन ऐतिहासिक तत्त्वोंके अनुसंधानकी कठिनाइयाँ ... पितृकुल और गुरुकुल ... ... शांतिवर्मा और समन्तभद्र ... ... जिनस्तुतिशतं (स्तुतिविद्या ) का कर्तृत्वादि गृहस्थाश्रम-प्रवेश और विवाह राज्यासन-संबंधी भारतका एक दस्तूर... दीक्षा और शिक्षा, उनके स्थान ... गणगच्छादि विषयकी गड़बड़ ... गुणादि-परिचय ... .... संस्कृत भाषासे प्रेम और उसके साहित्य पर अटल छाप ... कवित्व, गमकत्व, पावित्व और वाग्मित्व नामके चार गुण ... लोकमें समन्तभद्रके उक्त गुणोंकी धाक और उनके विषयमें । प्राचीन विद्वानों के उद्वार ... ... वाद-क्षेत्र, मनःपरिणति, धर्मप्रचार के लिये विहार, वादघोषणाएँ और उनका फल ... ... ... ... चारण ऋद्धिसे युक 'पदर्दिक ' होनेके उल्लेख ... ... समन्तभद्रका 'मोहनमंत्र' अथवा उनकी सफलताका रहस्य ... स्याद्वादविद्या और समन्तभद्र समन्तभद्रके वचनोंका माहात्म्य और उसके विषयमें श्रीविद्यानंदादि ___ आचार्योंके हार्दिक उदार ... समन्तभद्र-भारती-स्तोत्र ... ... ... ... समन्तभद्रके ग्रंथोंका उद्देश्य ५६Page Navigation
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