Book Title: Swadhyaya Sutra
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 6
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अपनी बात r. सूक्तियाँ साहित्य-गगन में चमकते सितारों के समान हैं. इनकी निर्मल आभा अंधकारमय जीवन को ज्योतिमय बना सकती हैं. जीवन के विविध अनुभवों ने इनको अजरताअमरता दे रखी है. इन सृक्तियों में मिश्री की मधुरता और अंगूर की सरसता जैसा स्वाद परिलक्षित होता है. इनका स्वाध्यायपान जीवन को मिठास से भर सकता है, सरस बना सकता है. पूज्य गच्छाधिपति आचार्य देव श्री कैलाससागर सूरीश्वरजी म. सा. सैकड़ों आगमिक-सृक्तियों का स्वाध्याय प्रतिदिन अपने जीवन में करते थे, उन्हीं में से इस पुस्तिका का संकलन किया गया है. इन उज्ज्वल सितारों ने पूज्य आचार्य श्री के जीवन को तो ज्योतिमय बनाया ही था, मुझे भी पूर्ण विश्वास है कि यदि इन्हें अपनी जीवन-यात्रा में सम्मिलित किया गया तो ये अवश्य ही अपने यात्रा पथ को आलोकित कर उसे सरल एवं सुगम बनायेंगे. -विमलसागर www.kobatirth.org For Private And Personal Use Only

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