Book Title: Swadhyaya Sutra
Author(s): Padmasagarsuri
Publisher: Mahavir Jain Aradhana Kendra Koba

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Page 5
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir IN चिता से चिन्तन की ओर मेरे परम श्रद्धय पृज्य गच्छाधिपति आचार्य देव श्री कैलाससागरसूरीश्वरजी म. सा. अपना अधिकतर समय म्वाध्याय एवं चिन्तन-मनन में व्यतीत किया करते थे. आगमिक-सूक्तियों का स्वाध्याय एवं चिन्तनमनन करना उनका एक नित्य नियम था. जब कभी उन्हें थोड़ा सा भी समय मिलता, वे तुरन्त स्वाध्याय में लीन हो जाते. प्रस्तुत पुस्तिका उनके नित्य स्वाध्याय से चुनी हुई प्रेरणादायी आगमिक-सूक्तियों का संकलन है. सूक्तियों से मानव-जीवन की उपयोगिता का आभास होता है और उसे सही ढंग से जीने की क्षमता भी विकसित होती है. प्रस्तुत सूक्तियों में मधुरता है, उज्ज्वल एवं आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा और सुन्दर मार्गदर्शन भी है. इन्हें अपने मनमंदिर में प्रतिष्ठित करें. ये अवश्य ही आपको प्रभावित कर, आपके जीवन का सुन्दर एवं सरस मार्गदर्शन करेगी. पअसागर ... LNIMAL NOMING mins www.kobatirth.org For Private And Personal Use Only

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