Book Title: Swadhyay Manjari
Author(s): Shantinath Jain Derasar
Publisher: Shantinath Jain Derasar

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Page 500
________________ समाज की काया पलट करनी है ? जैन समाज के दानवीरों का धर्म है कि लक्ष्मी की चंचलता समज कर समाज कल्याण के काम करते रहें विश्वविद्यालय एक एसा विद्याविहार बनेगा जिससे विद्वानों, वक्ताओं, पंडितों, कार्यकर्ताओं, समाज सेवकों और साहित्यकारों की वृद्धि होगी। कोलेज, समृद्ध ज्ञानमन्दिर, पुरातत्त्वमन्दिर साहित्य प्रकाशन और संशोधन आदिसे विश्वविद्यालय विश्व में ज्ञान का प्रकाश फैला कर जैन धर्म का विजयध्वज लहरायेगा। वल्लभ-वाणी संगठन यदि क्रियाकांड विविध हों, गच्छ जुदे जुदे हों, जुदे जुदे प्रांत के हों, आचार्य भी जुदै जुदे हों, विचारों में थोडा सा अंतर हो, फिर भी भगवान महावीर के पुत्र के नाते हमें संगठन साधना चाहिये। संगठन द्वारा जैन समाज का उद्योत करना चाहिये, संगठन के सिवा जैन धर्म का हास हो रहा है। संगठन से चमत्कार होगा, समाज बलिष्ट होगा, संगठन के सिवा हमारा उद्धार और उत्कर्ष का कोई गस्ता नहीं. भगवान महावीर के पुत्रों को संगठित होकर जैन धर्म को विश्वधर्म धनाना होगा। वल्लभ-वाणी भी. पा. प्रेस: पाबाता!

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