Book Title: Sutrakritanga Sutra Part 02 Author(s): Jayanandvijay Publisher: Ramchandra Prakashan Samiti View full book textPage 363
________________ सूत्रकृतम् सूत्रानुसारेण तत्त्वावबोधः क्रियते यस्मिन्सूत्र के अनुसार जिससे तत्त्व का अवबोध किया जाता है। सूचाकृतम् स्वपरसमयार्थसूचनं सूचा सा अस्मिन् कृता- स्वपर समय के अर्थ को कहना उसे सूचा कहते है। वह सूचा जिसमें दर्शायी गयी है, वह सूचाकृतम्।Page Navigation
1 ... 361 362 363 364