________________ KE-KE-K . प्रकाशकीय निवेदन * KE-KE-KE 'प्राचार्य श्रीसुशोलसूरि जैन ज्ञान मन्दिर' की तरफ से यह 'सूशील नाममाला' (संस्कृत शब्दकोश) नूतन ग्रंथ का प्रकाशन करते हुए अत्यन्त हो आनन्द का अनुभव कर रहे हैं। इस विशालकाय ग्रन्थ का सर्जन संस्कृत भाषा में पद्यमय अनुष्टुप् छन्द में 2824 श्लोकों में शासनसम्राट् समुदाय के सुप्रसिद्ध जैन धर्मदिवाकर-शासनरत्न-तोर्थप्रभावक-राजस्थान दीपक-मरुधरदेशोद्धारक-शास्त्रविशारद-साहित्य रत्न-कविभूषण बालब्रह्मचारी-परमपूज्य-प्राचार्यदेव-श्रीमदिजयसुशीलसूरीश्वरजी म. सा. ने अति परिश्रम करके बहुत ही सुन्दर किया है। संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों और विद्यार्थिनियों को, संस्कृत जानने वाले विद्वानों और विदुषियों को संस्कृत भाषा में गद्य या पद्य में रचना करने वाले सब के लिये यह ग्रन्थ अति उपयोगी प्रमाणित होगा एवं विश्व के इतिहास में सुवर्ण अक्षरों में अङ्कित होगा। इस ग्रन्थ के सर्जक प० पू० प्राचार्य महाराज सा० ने प्रास्ताविक पुरोवचन सुन्दर लिखा है। र जस्थान में सुप्रसिद्ध तर्कतीर्थ-व्याकरण-साहित्याचार्य, शिक्ष शास्त्री पण्डितप्रवर मैथिल श्रीसुरेशझाजी ने इस ग्रन्थ का साद्यान्त प्रफ संशोधन कार्य बहुत ही सुन्दर ढंग से किया है और भूमिका भी श्लोक में बनाकर दी है, इसलिए धन्यवाद देते हुए हम सन्माननीय पण्डितजी के आभारी हैं।