Book Title: Subhagoday Stuti
Author(s): Prithvi K Agrawala, Rama Adhar Pathak
Publisher: Prithvi Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 54
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जुषो महाकौले पाठभेदाः श्लोकः पादः मूलपाठः पाठभेदः °लहरीमैन्दव °लहरी बैन्दव॰ [क. ख.] °सरणीकल्पित सरणि कल्पित° [क. ख.] २ २ °त्ताक्षः ताक्षी [क.ख.] जुषे [क. ख.] महाकाल° महानील° [क. ख. षट्त्रिंशद्दश षट्त्रिंशच्छत° [ख.] महाकाल° [क.] तव स्वाधिष्ठानं भगवति दशारं मणिपुरम् [क. ख] च भुवनम् त्रिभुवनम् [क. ख.] तयोर्नादविभवे च नादादिविभवे [क, ख.] लसत्पाशं हस्तैरुदित° [क. ख.] फणिपाशं घृणिपाशं [ख.] जपस्रक्शुकवरौ जपस्रक्क्षुरवरम् [क. ख.] भूगेहादपि भवेष्मादपि [क. ख.] वाम्ब शरणम् वाम्भकरणम् [क. ख.] परो मारमदन- मरो मारमदनः [क. ख.] ०श्चेति ०श्चै ते [क.ख.] °मन्वक्कषषुगं °मञ्चत्कषयुगं [क, ख.] विदेहो निर्ऋत्यास्सुत इह ऋषिर्यस्स च [क. ख.] तैत्तिर्यकऋचि तैत्तीरियऋचि [क. ख.] शेषो यत इह शेषा इह खलु [क. ख.] च सुभगे स च भगे [क. ख.] पञ्चदशधा पञ्चदशतो [क. ख.] २७ १ हलो हरो [क, ख.] वदन्त्येके भवन्त्ये के [क. ख.] कमलेऽस्मिन् कूमतेऽस्मिन् [क. ख.] हिमानी भवानी° [क. ख.] » . For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 52 53 54 55 56