Book Title: Stambhanadhish Prabandh sangraha Bhumika
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: ZZ_Anusandhan
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________________ कृष्ण 27 28 . पद्मावती 1, 28 जयपाल(नागार्जुन-पिता) 31 सिंह (नागार्जुन) जयनश्री (नागार्जुन माता) कनकगिरि-योगी नागार्जुन योगी पादलिसाचार्य चिर्पटिनाथ वर्धमानसूरि सोमेश्वर द्विज जिनेश्वरसूरि अभयदेवसरि राजशेखरसरि प्रशस्ति हटकेश्वर-लिङ्ग आकाशगामिनी 31 चिर्पटि: (रससिद्धिः) धूम्रवेधविद्या (6) ग्रंथमा मळता विलक्षण शब्द प्रयोगो रुलन् (प्र.३)-रोळातो चिर्भट (प्र.३)-चीभर्दू स्फियिष्यति (प्र.६)-फरी जशे फेरणीयं " फेरव जबादि जलहराः (प्र. 14) बीटिका सूत्कटी जातिटोला ''-जातिना टोला. बोहनिका विरदाः प्रवण्य प्रतलीकुर्वन् "पातलं करतो. पल्ल्ययनिक (प्र. 17) पलाण नार वाहरा वा'र-वहार-कुमक मदद करचटितः (प्र.२४)-हाथे चडेलो लल्लिपल्लि (प्र.२९)-लाड प्रकीर्ण नागमत 4, 28 ज्ञानमत नागपूजन बौद्धदर्शन इच्छारूप(विद्या) परकायाप्रवेश रामचरित्र नोंधः पौराणिक विशेषनामो ग्रंथमां घणां होवा छतां पसंद करेलांनी ज सूचि अहीं आपेल छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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