Book Title: Sittunja Kappo
Author(s): Labhsagar
Publisher: Agamoddharak Granthmala

Previous | Next

Page 403
________________ 152 शत्रुजव-कल्पवृत्ती 23 21 रेखस्तु / ततो प्रवितते 122 100 27 पृष्टम्: पङ्क्तिः अशुद्धम् . शुद्धम् पृष्ठम् पक्तिः अशुद्धम् शुद्धम् 94 22 धम्मा) धर्मार्थ 106 20 ऽभवत्वया न यत्त्वया व 111 ___ 22 वन वर्ज खिद्यथा खिद्यथाः 112 21 वारमो . वीरमो श्रावक कृतः श्रावकः कृतः 112 स्थगितः हेमार्थ स्थगितहेमार्थ पुडी पुडा ..112 वलं . वस्त्रं 21 मोष्ट्राः मुष्टाः 116 नूत्पाटय नूत्पाटय 4 विजयाप्रायाः विजयप्रायाः 119 भूतयः भूमयः युता युतो 121 रेषस्तु श्रृण्वत शृण्वन्त . 121 तद्वहवो तद्बहवो तता स्तेभ्यः / तेभ्यः . 100 19 प्रविततते 124 23 बद्धा बद्धा 100 22 वचश्रुतेः वचःश्रतेः 125 एक का एका का मनागू मनाग 126 पुराधसा पुरोधसा 101 18 मातु मातुः / 126 12-13 श्रेष्टी श्रेष्ठी 101 22 मृत 127 101 29 नन्न 23 सखी सखि ? 182 मृत 128 युक्ति 18 चरणम्वुज चरणाम्बुज 128 __24 प्रक्षिप्यते 102 गुरूत्तंसा गुरूत्तंसा 131 1 उज्जयिन्यां जयां क्षिषेत् क्षिपेत् 131 1 निजत निर्जित 103 समा समो 131 24 प्रायो प्रशमं प्रापोपशमं शतेषु शतेष्वब्देषु 134 6 परे परौ 134 13 पारमा नयतात् पारं मां नयतात 103 30 निद्रव्यान्तां निद्रव्यां तां 135 3 सिद्ध भविष्यति ततो भविष्यति 139 29 अनाथाः अनाथा गुरुणा गुरूणां 144 11 श्रियः निकमा निकामा 144 12 पातु संशयम् यातुं न संशयः 105 13 रुपमा रुपमा मृति नत्र मृति युक्तिः प्रक्षिप्य खे / 103 103 103 षड षट सिंध 104 104 104

Loading...

Page Navigation
1 ... 401 402 403 404