Book Title: Simandharjin Chandraula Stavan
Author(s): Jayant Kothari
Publisher: ZZ_Anusandhan

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Page 19
________________ 90 मृगमद 17.8 कस्तूरी : समिध 6.8 लाकडुं मोटका 21.1 मोटा सयल 26.8 सकल, बधुं, आखें मोहणवेली 3.2 मोह पमाडनारी वेली | सरंग 17.6, 23.5 आनंदपूर्ण रयण 21.3 रत्न सरागी 4.5 रागी, स्नेही रंगरेलि 3.5 आनंदनी छोळ सवन 18.7 श्रवण, कान रूंखडां 2.1 वृक्ष संताव 24.8 सताव, लइ 4.6 लेह, लगनी साखी 17.8 साक्षी लख 17.6 ओळखवू (सं. लक्ष्) सायर 24.2 सागर लह 16.7 मेळवq, पामवं सार 4.4 संभाळ, सहाय ला- 4.3 लगाडवू सांइ' 5.5 स्वामी, मालिक लाखी 22.8 लाखनो (रंग) सांइ. 15.8 आलिंगन, भेटवू ते लीनु 7.4 लीधुं सिउं 5.1 साथे लीलविलास 7.4 आनंदक्रीडा सीबलि 18.6 शीमळो वयन 18.7 (1) वदन, (2) वचन | सुरगुरु 24.3 देवगुरु बृहस्पति वयरागर 21.3 हीरानी खाण सुरिजन 7.6 सुजन, सज्जन (सं. वज्राकर) ('दुरिजन'ना सादृश्यथी 'सुरिजन') वरास 12.7, 21.8 भूल करवी सुहणां 10.1 स्वप्नां, सोणां विजय 1.2 प्रान्त, प्रदेश | सुहा 11.6 सुख आपq विहा 10.8 नष्ट थवू, वीतवं सूचक 7.7 वेधक, भेदक विहाणुं 22.3 वहाणुं, सूर्योदय सूर 19.3 सूर्य (सं.) विहि 2.8 विधि, विधाता सोरंभ 16.6 सौरभ, सुगंध विंझ 19.1 विध्यपर्वत स्युं 5.6 साथे बूढ- 10.7 वहेवू हंस 26.3 एक मंत्राक्षर वेडि 12.2 वन (रा.) हांसु 3.8 हांसी, मश्करी वेध- 4.7 आकर्ष हीस 5.7 हर्ष पामवो वेध 4.3 आसक्ति हेज 22.6 हेत, आसक्ति सचंगा 23.6 खूब सुंदर होद 23.4 होज (रा.) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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