Book Title: Siddhachal Tirth Chaitya Paripati Author(s): Malji Nagji Kacchi Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 6
________________ 127 पारसनाथजीना पगलानी जोड १ ने मारो नम० . १९. तीहाथी उपर चले मांनमोडीओ छे. तीहाथी आगल चले रसतानी उगमणी कोरे थडा उपर देरी १, तेना मधे कोऐक साधुना पगलानी जोड १ छे. तीहाथी उपर चले करमतोडीओ छे. तीहाथी आगल चले कुंड १ सालाकुंड छे, ते श्री भावनगरवालाई समराव्यो छे. तथा ऐज कुंडनी जोडे उगमणी कोरे वीसांमानो देरो १, तेना मधे परब १ श्री मुबईवाला ओसवालज्ञातीय लघुसाखायां सां. खीमचंद तस्य पुत्र सां. भाई अमरचंदनी परब श्रीसंघने पांणी पाई छे. तथा ऐ ज कुंडनी पासे उत्तरादी कोरे देरी १, तेना मधे श्रीरीषभाननजीना पगलानी जोड १ ने मारो नमसकार छे. तथा ऐ ज देरी मधे श्रीचंद्राननजिनना पगलानी जोड १ ने मारो न० तथा ऐ ज देरी मधे श्रीवारीषेणजीना पगलानी जोड १ ने मारो० तथा ऐ ज देरी मधे श्रीवर्धमानजीना पगलानी जोड १ ने मारो न० तथा ऐ ज देरी पासे उतरादी कोरे आंबलीनो जाड उभो छे. ऐज आंबली पासेथी रसतो १ श्रीपुज जिनेन्द्रसुरीने देरीइं जाई छे. तीहा जिनेन्द्रसुरीना पगला आदे देईने पगलानी जोड छे, तथा कुंड १ छे, तथा ओरडा २ छे, तथा वाडी फुलवाडी पण छे. • २०. तथा ऐज साला कुंडनी दखणादी कोरे जरमधे गुफा १ मुनी कल्याणवीमलजीनी छे. ते गुफा मधे मुनी कल्याणवीमलजी नानी अवसताई रात्रे गुफा मधे ध्यान करता हता. २१. हवे सालाकुंडथी उपर चले वीसामानो देरो १, श्री अमदावादवाला ओसवालज्ञातीय वृधसाखायां सां. केसरीसंघ तस्य भारजा बाई सुरजबाई तस्य पुत्र राजसभाशृंगार दीनदुखीदुखभंजन जीनसासन - दीपक संघपती सेठ हठीसंघ तस्य भारजा बाई रुखमणीबाई तथा बीजी भारजा बाई हरकुअरबाईनं सवंत १९०८ वरषे वीसामो बंधाव्यो छे. तीहाथी आगे चले मकागाडी छे, ते सां. जेठासानो ओटो केवाई छे. तथा ऐ ज ओटा पासेथी सनमुख सीधाचलजीना देराना दरसन थाई छे. २२. तीहाथी आगल चले रसतानी उत्तरादी कोरे जमणी बाजु देरो १, तेना मधे मुनी नारदजी तथा मुनी अऐमताजी तथा मुनी द्रवडजी तथा मुनी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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