Book Title: Siddhachal Tirth Chaitya Paripati Author(s): Shilchandrasuri Publisher: ZZ_Anusandhan View full book textPage 5
________________ 121 (22) वि.सं. १९०८मां पालीताणामां नानी-मोटी कुल मळीने 21 धर्मशालाओ होवानी माहिती उल्लेखनीय छ (पेरा. 141). (23) पेरा. १४४मां, शत्रुजय पर तथा पालीताणा शहेरमां थईने कुल देरा देरी 900, कुल जिनप्रतिमा 10500, तथा पगलांनी जोड 8000, छे, तेवी स्पष्ट माहिती मळे छे. बीजी पण अनेक रसप्रदने ऐतिहासिक गणाय तेवी विगतो आ 'फरमा'मां छे ज. केटलाक सरस शब्दो पण आमां छे. आशा छे के विद्वान संशोधकोने माटे आ रचना उपयोगी पुरवार थशे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 3 4 5