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મે ૨૦૧૨
द्विशताब्दी महामहोत्सव की प्रांजल स्मृति में श्री गोडीजी जैन मंदिर के द्वितीय तल पर स्वतंत्र गर्भगृह में गौरव पर्व वैभव रूप मरगज रत्न का नीलवर्णीय श्री विश्वमंगल नवग्रह पार्श्वनाथ प्रभुजी की प्रतिभा की अंजनशलाका विधि राष्ट्रसंत आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब के करकमलों से की गई. यह प्रतिमा नवग्रह एवं नवग्रह के स्वामी तीर्थंकरों से परिवेष्टित, सरस्वती एवं लक्ष्मी से सुशोभित विशाल कलात्मक परिकर युक्त है. साथ ही पार्श्वनाथ स्वामी के गणधर शुभंस्वामी की नयनरम्य प्रतिमा की भी प्रतिष्ठा की गई. दर्शन करते ही मन में वैराग्य भाव जागृत करने वाली यह प्रतिमा श्वेत संगमरमर निर्मित है.
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श्री गोडीजी पार्श्वनाथ जैन मंदिर के ऐतिहासिक महोत्सव की स्मृति में डाक टिकट का लोकार्पण दिनांक १७ अप्रैल २०१२ को डाक तार विभाग भारत सरकार द्वारा किया गया. श्री महावीर जैन आराधना केन्द्र, कोबा स्थित आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर के हस्तप्रतों की ग्रंथसूचि खंड ९ से १२ एवं ज्ञानमंदिर का मुखपत्र श्रुतसागर मासिक पत्रिका का विमोचन दिनांक २१ अप्रील २०१२ को भव्य समारोह पूर्वक किया गया. श्री गोडीजी पार्श्वनाथ मंदिर पर पूज्य मुनिश्री विमलसागरजी म. सा. द्वारा लिखित दो पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया. इस पावन अवसर पर श्री गोडीजी पार्श्वनाथ जैन मंदिर का स्मृतिगंथ भी प्रकाशित किया गया.
गौरव पर्व के प्रथम दिवस से ही श्री गोडीजी पार्श्वनाथ प्रभु की नयनरम्य अंगरचना एवं विभिन्न रंग-बिरंगे पुष्पों व दीपमालिकाओं से इस विशाल जिनालय की मनमोहक सजावट की जाती रही. ऐतिहासिक गौरव पर्व के मंगल प्रसंग पर निकली शासन प्रभावक भव्य रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने सम्मिलित होकर पुण्य लाभ अर्जित किया. गोडीजी पायधुनी के आस-पास के मुहल्लों में रहने वाले लगभग १०००० अन्य धर्मावलम्बी परिवारों के घर मीठाई का वितरण श्रीसंघ द्वारा किया गया. इस पावन गौरव पर्व के अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं के लिये अल्पाहार एवं भोजन की सुंदर व्यवस्था श्री गोडीजी ट्रस्ट की ओर से मुम्बादेवी ग्राउन्ड में की गई थी. इस अवसर पर आयोजित सभी कार्यक्रमों ने संपूर्ण महानगर को एक सूत्र में बाँधने का कार्य किया. जिसके प्रेरणास्रोत थे जैन एकता के प्रबल प्रेरक परम पूज्य राष्ट्रसंत आचार्य भगवंत श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब.
१८ दिवसीय गौरव पर्व का यह ऐतिहासिक महामहोत्सव पूर्ण धार्मिक वातावरण में हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया. श्री गोडीजी पार्श्वनाथ प्रभु की असीम कृपा व परम पूज्य आचार्य श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. का आशीर्वाद रूप भक्तिगंगा में चतुर्विध संघ भावविभोर होकर डुबकियाँ लगाता रहा और पायधुनी का पावन क्षेत्र विशाल जनसमूह से आप्लावित होता रहा.
परम पूज्य राष्ट्रसंत आचार्यदेव
श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म. सा. का मंगल प्रवेश
त्रिवेणी संगम कोबातीर्थ पर दिनांक- २१ जून २०१२ आषाढ, शुक्ल-२ को अपने शिष्य परिवार सहित चातुर्मास हेतु पधार रहे हैं. कोवा ट्रस्ट की ओर से पूज्यश्री के प्रवेशोत्सव के अवसर पर विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. ज्ञातव्य है कि चातुर्मास अवधि में पूज्य राष्ट्रसंत द्वारा प्रत्येक रविवार को विभिन्न विषयों पर धर्म देशना देंगे. सभी साधर्मिक बंधुओं से निवेदन है कि इस अवसर पर उपस्थित होकर पुण्य अर्जन करें.
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