Book Title: Shrutsagar 2016 06 Volume 03 01
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

View full book text
Previous | Next

Page 34
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra SHRUTSAGAR यूयर्ध प्रच्योतति-ते ०४६ क्लिद्यते सू पुंसयते वीध विध्यति पंञेबर्ध परामृशति मनावर्ध सान्त्वयति q वमति झींगा कोकायते विघट विघट अभई उद्याति अबू अलमुज्झति पतति वीं वेष्ट नीसम नेः उस दशति ४६ त्यजति (u०४६) गर्जति www.kobatirth.org 32 ह्रार्ध ह्रादते ध्याय ध्यायति पीस कीलति वह लभते झिलार्ध स्पृहायते सीझर्ध सिध्यति भान मन्यते पडि२ अलमुज्झति प्रहु प्रभृज्जति पास कास Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सिंग आलिंगति सार्ध ललति जसजसÓ बलाल्ललति ध्यावर्ध ध्यायति ुर्ध द्रुताटयति ढीसह शिथिलयति June-2016 गां ग्रंथते अम्बर्ध उत्कर्षति भट उन्मज्जति For Private and Personal Use Only ुर्ध क्रोशति षोडा पंजायते सूञ शुध्यति ३२सावर्ध क्वणयति प्रसा४६ प्रस्विद्यति सूञ युद्धति वीसमर्ध विश्राम्यति भ०४६ मार्ष्टि गाय गायति उस दशति ०४६ त्यजति (u०४६) गर्जति भां४६ मार्ष्टि विग्रडर्ध (विग्रहति) गाय गायति (पुरातत्त्व, वि.सं. १९८१, गुजरात पुरातत्त्वमंदिर अहमदाबाद से आभार सहित ) ( वधु भवता खडे...) क्या आप अपने ज्ञानभंडार को समृद्ध करना चाहते हैं? आचार्य श्री कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर, कोबा के पास आगम, प्रकीर्णक, औपदेशिक, आध्यात्मिक, प्रवचन, कथा, स्तवन-स्तुति संग्रह आदि अनेक प्रकार के प्राकृत, संस्कृत, मारुगूर्जर, गुजराती, राजस्थानी, पुरानी हिन्दी आदि अनेक भाषाओं में लिखित विभिन्न प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित अतिरिक्त पुस्तकों का बहुत बड़ा संग्रह है, जो अन्य ज्ञानभंडारों को भेंट में देना है. यदि आप अपने भंडार को समृद्ध करना चाहते हैं, तो यथाशीघ्र संपर्क करें. पहले आने वाले आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी.

Loading...

Page Navigation
1 ... 32 33 34 35 36