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श्रुतसागर
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अगस्त २०१४
राजस्थान के परम आस्था केन्द्र श्री नाकोडा तीर्थे पूज्य गुरुभगवंतश्री का चातुर्मास प्रवेश सानंद सम्पन्न
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संकलन : संजयकुमार झा
वि.सं. २०७० आषाढ शुक्ल तृतीया को परम पूज्य राष्ट्रसंत श्रुतोद्धारक आचार्यदेव श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा चतुर्विध श्रीसंघ के साथ नाकोडाजी तीर्थ में वर्षावास प्रवेश सानंद परिपूर्ण हुआ.
पंन्यास प्रवर श्री देवेन्द्रसागरजी म. सा., पंन्यास प्रवर श्री विवेकसागरजी म. सा. एवं प्रभावक प्रवचनकार मुनिवर्य श्री विमलसागरजी म. सा. आदि ठाणा से परिवृत पूज्य गुरुदेव श्री जब नाकोडातीर्थ के पवित्र परिसर में पधारे तब नाकोडा तीर्थ का वातावरण हर्षोल्लासमय बन गया.
श्री नाकोड़ा पार्श्वनाथ ज्ञानशाला के प्रांगण में नवकारशी के बाद ठीक ०८.४५ से शोभायात्रा का प्रारंभ हुआ. तत्पश्चात् दादा के दरबार में पूज्य गुरुभगवंत श्रीने श्री संघ सहित भगवान पार्श्वनाथ के दर्शन किये.
चातुर्मासिक प्रवचन व शिबिर हेतु निर्मित भव्य मंडप में सबने अपना-अपना स्थान ग्रहण किया. ज्ञानशाला के अध्यापक श्री नरेन्द्रभाई कोरडिया के साथ में श्रीसंघ ने गुरुवंदन किया. तदनंतर पूज्य आचार्य भगवंत श्री पद्मसागरसूरीश्वरजी म.सा. द्वारा मंगलाचरण किया. नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ ट्रस्ट के अग्रणी द्वारा चतुर्विध श्रीसंघ का हृदयोल्लासपूर्वक अभिनन्दन किया. युवा प्रवचनकार पूज्य मुनि श्री विमलसागरजी म. सा. ने अपने उद्बोधन द्वारा तीर्थ, गुरु व चातुर्मासिककाल के भावी आयोजन से श्रीसंघ को अवगत कराया.
नाकोडा तीर्थ के अध्यक्ष ने स्ववक्तव्य में पूज्य गुरुभगवंत श्री के वर्षावास हेतु पधारने हेतु हार्दिक आभार प्रकट किया. भावुक होकर अध्यक्ष श्री ने यह भी बताया की इस तीर्थ के उपाध्यक्ष दिवंगत सेठ श्री सोहनलालजी चौधरी (कोबातीर्थ के भूतपूर्व अध्यक्ष) की हार्दिक अभिलाषा थी कि गुरुदेव श्री का चातुर्मास नाकोडा तीर्थ में हो, इस हेतु सेठजी ने कई बार गुरुदेव को निवेदन भी किया था. आज उनकी अभिलाषा फलीभूत हो रही है तो वे स्वयं नहीं है, अपि तु उनकी आत्मा जहाँ भी होगी उन्हें तसल्ली जरूर मिलेगी.
सम्पूर्ण चातुर्मास का लाभ श्री मुकेशजी मोदी, श्री वीरेन्द्रजी मोदी एवं श्री भरतभाई मोदी एवं समस्त मोदी परिवार ने लाभ लिया.
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