Book Title: Shripal Rajano Ras
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek, 
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 418
________________ श्रीराम खंम.४ ॥२०७॥ नव नोकरवाली. नव मासण. हवे ज्ञानना उपकरण. नव चाबखी. नव थापना. नव हामा, नव त्रांवमी.नव श्रीपालना रास. नव वासदेपना वाटवा. नव याचमनी. नव स्थापनानां जपकरण.बीजां नव नव पुस्तको.नव वतरणां. नव त्रांबाकुंमी. नव वाटका. गणणानी टीप नव. नव कांबी. ४ानव अष्टमांगलिक. नव अगरबत्ती. नव रुमाल, नव पा.हवे चारित्रनां जपकरण. नव भारती. नव बरास, नव अगर.नव वणी, नव कवली.नव पात्रां. नव धूपधाणां. नव प्याला. नव सापमा सापमी. नव पमला. नव मंगलदीपक. नव प्रजावना. नव लेखण. नव कोली. |नव चंडवा,नव पुंठीयां. हीरा चोत्रीश. नव चाकु. नव चोलपट्टा. नव तोरण. चुनी राती एकत्रीश.नव कतरणी. नव संथारीयां. नव वासकुंपी. पीरोजीपीले वर्णे उत्रीश.नव माबला. नव कांबली उघानी. नव कांबली. चुनी नीली पचीश. नव माबली. नव कपमां. नव पडेमी, नव उत्र. चुनी काले वर्णे सत्या-नव खमीया. नव मांमा. नव चामर. | वीश अथवा पांच. नव हिंगलोनां वासण.नव उंघा. |नव मोरपिटिनी. मोती नंग २३७. नव पाटली. नव मुहपत्ति. नव वाटकी, नव कचोला. रूपानो वरग १७७. नव उलीया. नव कल्पसूत्र. |नव थाली, नव पूंजणी. सोनेरी वरग १००. नव पाटी. नव तरपणी. नवकेशरघसवानारशीया लाखीणो हार एक, नव पुस्तक राखवाना नव चरवला. नव दीवी, नव बाजोठ. श्रीफलना गोटा पंचवर्णी माबला. नव चरवलानी मांमी. नव ध्वजा, नव घंट. नव ग्रहनी स्थापना. नव दोरा. इति उजमणानो विधि. ॥२०॥ an Education Interational For Personal and Private Use Only

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