Book Title: Shraman Mahavira
Author(s): Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 14
________________ • जातिवाद • साधुत्वः वेश और परिवेश • धर्म और सम्प्रदाय • धर्म और वाममार्ग • साधना-पथ का समन्वय • जनता की भाषा जनता के लिए • करुणा और शाकाहार • यज्ञः समर्थन या रूपान्तरण • युद्ध और अनाक्रमण • असंग्रह का आन्दोलन २८. विरोधाभास का वातायन २९. सह-अस्तिव और सापेक्षता ३०. सतत जागरण ३१. चक्षुदान ३२. समता के तीन आयाम • मैत्री का आयाम • अभय का आयाम • • सहिष्णुता का आयाम ३३. मुक्त मानस: मुक्त द्वार ३४. समन्वय की दिशा का उद्घाटन ३५. सर्वजनहितायः सर्वजनसुखाय ३६. धर्म-परिवर्तनः सम्मत और अनुमत ३७. यथार्थवादी व्यक्तित्व : अतिशयोक्ति का परिधान ३८. अलौकिक और लौकिक ३९. सर्वज्ञता : दो पार्श्व दो कोण ४०. बौद्ध साहित्य में महावीर ४१. प्रवृत्ति बाहर में : मानदण्ड भीतर में ४२. पारदर्शी दृष्टि: व्यक्त के तल पर अव्यक्त का दर्शन ४३. सहयात्रा : सहयात्री Jain Education International For Private & Personal Use Only १५९-१६१ १६२ - १७० १७१-१७९ १८०-१८३ १८४-१९३ १९४ - २०१ २०२ - २०४ २०५ - २०९ २१०-२१३ २१४-२१६ २१७-२१८ २१९-२२१ २२२ - २२४ २२५-२२९ २३० - २३२ २३३-२४३ www.jainelibrary.org

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