Book Title: Shilparatna Part 2
Author(s): Shreekumar K Sabhatsav Shastri
Publisher: Shreekumar K Sabhatsav Shastri

View full book text
Previous | Next

Page 15
________________ १२५ विषयः पृष्ठम् . विषयः. पृष्ठम्. पाशुपतलक्षणम् ११२ निग्रहचक्रम् १२४ काललक्षणम् । मृसिंहः हरिहरलक्षणम् ११३ | विदारणनृसिंहः भिक्षाटनलक्षणम् तद्भेदः षडक्षरी चण्डेशानुग्रहलक्षणम् वराहः भर्मव्याख्यानदक्षिगामूर्तिलक्षणम् तद्भेदः वीणाधरदक्षिणामूर्तिलक्षणम् । चतुरक्षरी झानदक्षिणामूर्तिलक्षणम् धन्वन्तरिः योगदक्षिणामूर्तिलक्षणम् तद्भेदः कालारिलक्षणम् इयग्रीवः लिझोद्भवलक्षणम् ११८ कार्तवीर्यः श्रीपञ्चाक्षरी श्रीपञ्चामृतम् सन्तान गापालम् प्रासादः ११९ तद्भेदः प्रासादभेदः आवहन्ती मृत्युजयः पुरुषसूक्तम् शैवमष्टाक्षरम् लक्ष्मीनारायण दक्षिणामूर्तिः द्वाविंशत्यक्षरी अघोरः विंशत्यक्षरी मृत्युञ्जयभेदः चिन्तामाण: अष्टादशाक्षरी १२९ अनुष्टुप तद्भेदः संवादम् श्रीरामषडक्षरम् शक्तिपश्चाक्षरी रामध्यानभेद: कालारि: गोपालकभेदः किनरशिवः श्रीकराष्टाक्षरभेद: रक्षोन्नः धन्वन्तरिभेदः सद्योजातादिमूर्तयः अष्टादशाक्षरीभेदः त्रयोविंशोऽध्यायः। वासुदेवादिचतुष्कम केशवाद्याः भ्याने वैष्णवप्रकरणम् १२३ --- १३३ वराहभेदः महाक्षरी विश्वरूपम् गायत्री | आयुधानि, पूजासु तेषां स्थानादिकं च ., श्रीकराटाक्षरम् चतुर्विंशोऽध्यायः । মুহীন " ध्याने शाक्तप्रकरणम् १३३.---१४९ १२

Loading...

Page Navigation
1 ... 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 ... 282