Book Title: Shiksha aur Sanchar Sadhano ki Bhumika Author(s): Durgaprasad Agarwal Publisher: Z_Kesarimalji_Surana_Abhinandan_Granth_012044.pdf View full book textPage 5
________________ शिक्षा और संचार-साधनों की भूमिका 25 . .............. . . . . ........ ............................e erone तथ्य स्वीकार किया ही जाना चाहिये, प्राथमिकताओं का भी निर्धारण हो जाना चाहिये, यह क्यों आवश्यक समझ लिया गया है कि पूरे पाँच दिन आकाशवाणी के सारे केन्द्र क्रिकेट कमेण्ट्री का प्रसारण करें ? खेल में रुचि अच्छी बात है पर इससे होने वाली हानियों को भी मद्देनजर रखा जाना चाहिये, फिल्म संगीत पर निर्भरता खत्म करने के साथ ही उसका उतना ही वजनदार विकल्प जुटाने के लिये तैयार रहा जाना चाहिये। स्तरीय पुस्तकों-पत्रिकाओं के प्रकाशन और वितरण को हर स्तर पर प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये। अच्छी अच्छी पुस्तकें लिखी और छापी जाने के बाद दीमकों को समर्पित न हो जायें। डाक की दरों में भी कमी करके भी इस दिशा में सहयोग दिया जा सकता है। प्रकाशकों को भी सीधे पाठक से जुड़ने का प्रयत्न करना चाहिये / यह भी सोचा जाना चाहिये कि अगर एक छोटे-से गाँव में 'थम्स अप' या 'रेड एण्ड व्हाइट' पहुँच सकते हैं तो प्रेमचन्द का उपन्यास क्यों नहीं? अच्छी फिल्मों के निर्माण को प्रोत्साहन के लिये तो फिल्म वित्त निगम जैसी संस्थाओं को अपना दायरा पर भी गम्भीरतापूर्वक चिन्तन करना होगा, घुमन्तु सिनेमाघर इस दिशा में एक साधन हो सकता है तो स्कूल-कालेजों में फिल्म सोसाइटियों की स्थापना दूसरा साधन / अभी तो गाँव में चौथी कक्षा में पढ़ने वाला लड़का भी पड़ौसी की लड़की को आशिक की निगाहों से देखता है, प्रेम के ताने-बाने बुनता है, बड़ा होकर किसी फिल्म में देखे तस्कर की अनुकृति बनने की कल्पना करता है / अपराध कथाएँ उसे रातोंरात अमीर बनने और विलास करने के नवीनतम तरीके सिखाती है, भड़कीले विज्ञापन उसकी कामनाओं की आग को हवा देते हैं और इन सबके बीच सादा जीवन उच्च विचार के आदर्श, उदात्त जीवन मूल्य और महान् देश की परम्पराएँ—ये सब अपनी दशा पर आँसू बहाते हैं। यह अत्यन्त आवश्यक है कि संचार माध्यमों द्वारा दी जा रही इस तरह की 'शिक्षा' को अविलम्ब रोका जाये अन्यथा एक स्थिति वह भी आ सकती है जब हम भारतवासी अपने स्वप्नों के भारत से बहुत दूर पहुँच जायें और वहाँ से लौटना कतई सम्भव ही न रह जाये / क्या हम उसी स्थिति की प्रतीक्षा में हैं ? AND Aika For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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