Book Title: Shatprabhutadi Sangraha
Author(s): Kundkundacharya, Pannalal Soni
Publisher: Manikchand Digambar Jain Granthamala Samiti

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Page 482
________________ प्रकीर्णकसूत्रवाक्यानां सूची। पृष्ठसंख्याः गाथाः गाथाः पृष्ठसंख्याः ३० नाम्युपध २९३ अजेर्वीः अन्यार्थे अष्टौ स्था अंडज वा अवधार पर परि पापक्रिया २९४ m ब इणजिक ब्रह्मणे उच्चारल उत्तमसं भूप्राप्ता ३०६ २ २ एकस्य नि . २०४ मार्गाच्यव मूढस्य कृत्ययुटो क्रोधलोभ क्षुत्पिपासा ३४१ यस्मै दि युवजन घाए घाए ६८ १० घोलिय २४२ च चिअचे विषेः किच्च व्याख्यान र ज्यनुबन्ध तत्वार्थ तुआण तुणा ... तुमत्तूआण ३२८ शक्तितस्या ... ३३२ २५५ स यदा सुंतो हिंतो ... २२० ३१२ । हजित्था ... ८ दर्शनवि द्वन्द्वं कल ... ... ... Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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