Book Title: Shatkhandagama Pustak 09
Author(s): Pushpadant, Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Devkinandan, A N Upadhye
Publisher: Jain Sahityoddharak Fund Karyalay Amravati

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Page 496
________________ पारिभाषिक शन्द्-सूची शब्द शब्द पृष्ठ शब्द लोपक्रमायु स्तव स्तुति " | संकर २४० २०७, २५९ सकलजिन १० संक्रमअनुयोगद्वार २३४ सूत्रकृतांग सकलप्रत्यक्ष संग्रह नय १७० सूत्रसम २५९,२६१,२६८ सकलश्रुतधारक १३० | संघातनकृति ३२६ सूर्यप्राप्ति २०६ सकलादेश संघातन-परिशातन ३२ सत्यप्रवाद २१६ संघातिम २७२, २७३ सौधर्मइन्द्र १९३, १२९ सप्तभंगी संभिन्नश्रोता ५९, ६१, ६२ २६३ समचतुरस्रसंस्थान १०७ संयम समभिरूढ नय ११७ स्थलगता समवसरण ११३, १२८ संयोग १३७ स्थान समवायांग संवेदिनी २०२ स्थानांग समानवृद्धि ३४ सातासात २३५ स्थापनाकृति ૮ सम्यक्त्व सामायिक १८८ स्थापनाजिन सम्यग्दृष्टि स्थित २५२, २६८ सामायिकभावश्रुत ३२३ सर्पिस्रवी स्पर्श अनुयोगद्वार २३३ सर्वज्ञ सांख्य स्मृति १४२ सर्वसिद्ध सिद्ध स्याद्वाद सर्वार्थसिदि सिखायतन स्वप्न ७२,७४ सर्वावधि १५,४७ सुनयवाक्य ૨૮૩ स्वर ર सर्वावधिजिन सुषमसुषमा स्वसंवेदन सर्वोपधिमाप्त सूज्यंगुल स्वस्थानभरपवस्व ५२९ ११९ - Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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