Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 03
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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________________ छासीइसहस्साई दहइ रवी मेइणि समंतेणं / कह तेण ण दड्डाहं रइकज्जसमागया संती // 382 // अह भणइ कंडरीओ कुंती जइ हुँत दड्डसूरेणं / / तो डझंता सि तुम सच्चं तं णत्थि संदेहो // 383 // खंडा भणइ पुणो मे जलणो आगरिसिओ सुरवराणं / / जोवयणं तेण वि मे पुत्तो जाओ जुइमहंतो // 384 // दूरत्थो डहइ रखी अग्गी अंगेहिं फरिसिओ डहइ / कह तेण ण दड्डाहं जलणेण समागया संती // 385 // भणइ अ एलासाढो जमपत्ती हुअवहेण किर भुत्ता / / अग्गीहुणणणिमित्तं जलणगिहं अइगया संती // 386 // असमत्तसुरयकज्जो जलणो जा अइगओ जमो ताहे / ... अचयंतो ओसरिअं जलणो तीए वि ओइलिओ // 387 // तं सिढिलिअमेहलिअं असमाणियसुरयकीलियं बालं / ओइलिऊण जमो वि य देवत्थाणि अह पविट्ठो // 388 // देवेहि य सो भणिओ अपत्तरइअस्स सागयं तुज्झ / / णिग्गिलइ तओ देवि तीइ मुहाओ य जलणो वि // 389 // धावंतो उच्छिण्णो जमेण तो अइगओ वणं गहणं / कहिओ गएहिं तो सो तेसिं वायाहिआ तेणं // 390 // जइ सच्चं जमपत्ती भुत्ता जलणेण णेअ सा दड्डा / तो कह डज्झिहिसि तुमं जलणेण समागया संती // 391 // खंडा भणइ पुणो मे एरावणवाहणो सहस्सच्छो / आगरिसिओ मि सो वी तेण वि जाओ महं पुत्तो. // 392 // अच्छरसाओ मुत्तुं कह इंदो सेवए मणुस्सीओ। . भणइ ससो किं ण सुआ गोयमपत्ती अहिल्ल त्ति // 393 // 218

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