Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 03
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 316
________________ = = = // 7 तित्थंकरपडिमाणं कंचणमणिरयणविद्दुममयाणं / तिहुअणविभूसगाणं सासय-सुरवरकयाणं च // 4 // चमरबलिप्पमुहाणं. भवणवईणं विचित्तभवणेसु / जाओ य अहोलोए जिणिदचंदाण पडिमाओ जाओ य तिरियलोए किन्नरकिंपुरिसभूमिनयरेसु / गंधव्वमहोरगजक्खभूय तह(य)रक्खसाणं च // 6 // जाओ य दीवपव्वय-विज्जाहरपवरसिद्धभवणेसु / तह चंदसूरगहरिक्ख-तारगाणं विमाणेसु जाओ य उड्डलोए सोहम्मीसाणवरविमाणेसु / जाओ मणोहरसणंकुमारमाहिंदकप्पेसु // 8 // जाओ य बंभलोए-लंतयसुक्के तहा सहस्सारे / आणयपाणयआरण-अच्चुयकप्पेसु जाओ य. // 9 // जाओ गेविज्जेसुं जाओ वरविजयवेजयंतेसु / तह य जयंतपराजि[यविमा]णसव्वट्ठसिद्धेसु सिद्धाण य सियघणकम्म-बंधमुक्काण परमनाणीणं / आयरिया [ण तहेव य पं]चविहायारनिरयाणं // 11 // तह य उवज्झायाणं साहूणं झायजोगनिरयाणं / .. तवसो(सु)सियसरीराणं सिद्धिवहूसंगमपराणं // 12 // सुयदेवया वि (इ) पंकय-पुत्थ[य]मणिरयणभूसियकराए / वेयावच्चगराण य समुद्धओ मे इमो धूओ // 13 // एवं अभित्थुया मो (मे) भावसुगंधेण परमधूवेण / तित्थयरसिद्धपमुहा सव्वे वि कुणन्तु भवविरहं // 14 // // 10 // = 307

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