Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 03
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 12
________________ एए अणाइनिहणा तहा तहा नियसहावओ नवरं / वटुंति कज्जंकारणभावेण भवे ण परसरूवे // 23 // नवि य अभावो जायइ तस्सत्ताए य नियम विरहाओ / एवमणाई एए तहा तहा परिणइसहावा // 24 // इत्तो उ आइमत्तं तहासहावत्तकप्पणाए वि / एसिमजुत्तं पुब्बिं अभावओ भावियव्वमिणं // 25 // नो परमपुरिसपहवा पओयणाभावओ 1 दलाभावा 2 / / तत्तस्सहावयाए तस्स व तेसिं अणाइत्तं // 26 // न सदेव यऽस्स भावो को इह हेऊ ? तहासहावत्तं / / हंताभावगयमिणं को दोसो ? तस्सहावतं // 27 // सो भावऽभावकारणसहावो भयवं हविज्ज नेयं पि / / सव्वाहिलसियसिद्धीओ अन्नहा भत्तिमंत्तं तु // 28 // धम्माधम्मनिमित्तं नवरमिहं हंत होइ एसोऽवि / इहरा उ थयक्कोसाइ सव्यमेयम्मि विहलं. तु // 29 // न य तस्सवि गुणदोसा अण्णासयनिमित्तभावओ हुँति / तम्मयचेयणकप्पो तहासहावो खु सो भयवं // 30 // रयणाई सुहरहिया सुहाइहेऊ जहेव जीवाणं / तह धम्माइनिमित्तं एसो धम्माइरहिओ वि // 31 // एसो अणाइमं चिय सुद्धो य तओ अणाइसुद्धु त्ति / जुत्तो य पवाहेणं न अन्नहा सुद्धया सम्म // 32 // बंधो विहु एवं चिय अणाइमं होइ हंत कयगो वि। / इहरा उ अकयगत्तं निच्चत्तं चेव एयस्स // 33 // जह भव्वत्तमकयगं न य निच्चं एव किं न बंधो वि? किरियाफलजोगो जं एसो ता न खलु एवं ति // 34 // 3

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