Book Title: Shankarbhagwatpadiya Prakaran Prabandhavali Chaturth Samput
Author(s): A Mahadev Shastri, K Rangacharya
Publisher: Government of Mysore

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Page 13
________________ निर्विकल्पक समाधिः दृश्यानुविद्धसविकल्पः ज्ञाननिष्ठायां कर्मानुपयोगः शब्दानुविद्धसविकल्पः निर्विकल्पसमाधिः बाह्यसमाधिप्रकारः प्रमादत्यागः योगः अष्टावङ्गानि समाधिविघ्नाः ... शिष्यस्य स्वानुभवः ज्ञानभूमिकाः शुभेच्छा विचारणा तनुमानसी सत्त्वापत्तिः संसक्तिनामिका पदार्थभावना तुर्यगा जाग्रज्जाग्रत् जाग्रत्स्वप्नः जाग्रत्सुप्तिः स्वप्नजाग्रत् स्वप्न स्वप्नः स्वप्नसुप्तिः सुप्तिजाग्रत् सुतिस्वप्नः सुतिसुप्तिः तुर्याख्या विदेहमुक्तिः : :: :: 00 :: • .... लोकसंख्या. ८०२ - ८०७ ८०८- ८३० ८३१-८४४ ८४५-८५१ ८५२ -८५६ ८५७. ८७९ ८८०-८८६ ८८७ . ८८८-८९८ ८९९ - ९०१ ९०२ - ९१२ ९१३ - ९१५ ९१६ ९१७ ९१८ ९१९ ९२० ९२१ - ९२२ ९२३ ९२४ ९२५ ९२६ ९२७ ९२८ ९२९ ९३० ९३१ ९३२ ९३३-९३८ ९३९-९७१

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