Book Title: Shamyashatakam
Author(s): Vijaysinhsuri
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

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Page 1
________________ ॥ नमो नमः श्री गुरू प्रेमसूरये ॥ आचार्यअभयदेवसूरि शिष्य आचार्थविजयसिंहसूरिकृत श्री शाम्यशतकम् ५. अर्धमान तयानिधि आचार्यदेव श्रीमद् विजय भुदत्भानुसार शिष्य प.पू. वैशबदेशनादयः भावार्यदेव भौगद विजय हेमचन्द्रसूति सहाराजा 1305 -प्रकाशक:भी जिनशासन आराधना ट्रस्ट 0/३ जो भोईवाडो, भुलेर, अम्बई- ४०० ००१

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