Book Title: Shakalarka Samhita Saparishishta
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Page 11
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 6626261551666666652685 वायोनव मधुच्छन्दाः त्रयाणांतृचां वायुरिन्द्रवायूमित्रावरुणौ गायत्री / 2 वायवााहिदर्शतेमेसोमाअरकृताः / तेषांपाहिश्रुधीहवम् 1 वार्यउक्थेभिर्जरन्तृत्वामच्छाजरितारः / सुतसोमाअहर्विदः 2 वायोतर्वप्रपञ्चतीधेाजिगातिदाशुषे / उरूचीसोमपीतये 3 इन्द्रवायू मेसुताउपप्रोभिरागतम् / इन्दवोवामुशन्तिहि 4 वायविन्द्रश्चचेतथःसुतानीवाजिनीवसू / तावायर्यातमुप॑वत् 5 // 3 // वायविन्द्रश्चसुन्वतआयातमुपनिष्कृतम् / मक्ष्वि :त्याधियानरा 6 मित्रहुवेपूतदक्षंवरुणंचरिशादसम् / धियंघृताचींसाधन्ता 76 ऋते मित्रावरुणावृतावृधावृतस्पृशा / कतुवृहतमाशाथे 8 कवीनौमित्रावरुणातुविजाताउरुक्षया / दक्षेदधातेअपसम् 9 // 4 // For Private and Personal Use Only

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