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तपस्य तारका
मण्डल
४ ४
ग्लोक मण्डल. लोक ३३ प्रादेश ४ २७ १५ प्रवृष्४ ४२ ३४ प्रासाद ४ ७५-७६ १९ प्रियाप्रिया ४ ३५
प्रोथ
ताल
तेजस
लोक मण्डल ५७ निरस्त ४ ७३ निषादी .४
निष्ठुर | नैचिकी ६२ | पक ४
पक्षिणी पश्चालिका ४ पन
४ .
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बाहीक
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ब्रह्मचर्य
पथा
त्रयी त्रिवर्ग दण्डनीत दम दर्श दिपाल दिग्ध दिति दिव्य दीक्षित दीर्घदर्श देवमातृक
४ ५२ टों. ४ ४६
४
४ ४ ४
पाश्चजन्य १२ पाटल
पादबन्धन पार
पिशङ्ग १९ पुराण
४८ भारतवर्ष ८१ भृङ्गार
मकरन्द ३७- मद २३ मधु ४०. मलिन ८४ महाधन ३२: महोसाह
४. १४ ४ ५४ ४ २४ ४ ३० ४ १२-१३
देव
द्रप्स धार्तराष्ट४ धून . धौरित नदीमातृक नन्दक
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| पोगण्ड
प्रकीर्णक ४ २४. प्रकोष्ठ ४० प्रणिधि
प्रतल ४ ४३ प्रतिरोध ४
१ प्रतिसर ४ ५५ प्रत्यासार ५ ५५ प्रदेशिनी ४ ७४ प्रष्ठोही
प्राचीनावीतिन् ४ ३४ । प्राजित
४ ४
२९ मित्र २५ मे चंक .... यष्ट४
२८ रत्न ८ रनि .८ राका ७ रूप्य
वत्सतर २१ / वमथु४ ७१ / वरारोहा १५ , वरूथ
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११,
६७ ४ ३२ ४ २८ ४ ५९-६०
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नभस्
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नमस्य
निबन्धन निरर्थक
१४ ७२ १०
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